भारत माता की आरती – Bharat mata ki aarti

आरती भारत माता की,
जगत के भाग्य विधाता की ।
आरती भारत माता की,
ज़गत के भाग्य विधाता की ।
सिर पर हिम गिरिवर सोहै,
चरण को रत्नाकर धोए,
देवता गोदी में सोए,
रहे आनंद, हुए न द्वन्द,
समर्पित छंद,
बोलो जय बुद्धिप्रदाता की,
जगत के भाग्य विधाता की

आरती भारत माता की,
जगत के भाग्यविधाता की ।

https://youtu.be/VC2kGE21uKU

जगत में लगती है न्यारी,
बनी है इसकी छवि न्यारी,
कि दुनियाँ देख जले सारी,
देखकर झलक,
झुकी है पलक, बढ़ी है ललक,
कृपा बरसे जहाँ दाता की,
जगत के भाग्य विधाता की

आरती भारत माता की,
जगत के भाग्यविधाता की ।

गोद गंगा जमुना लहरे,
भगवा फहर फहर फहरे,
लगे हैं घाव बहुत गहरे,
हुए हैं खण्ड, करेंगे अखण्ड,
देकर दंड मौत परदेशी दाता की,
जगत के भाग्य विधाता की

आरती भारत माता की,
जगत के भाग्यविधाता की ।

पले जहाँ रघुकुल भूषण राम,
बजाये बँसी जहाँ घनश्याम,
जहाँ का कण कण तीरथ धाम,
बड़े हर धर्म, साथ शुभ कर्म,
लढे बेशर्म बनी श्री राम दाता की,
जगत के भाग्य विधाता की

आरती भारत माता की,
जगत के भाग्यविधाता की ।

बड़े हिन्दू का स्वाभिमान ,
किया केशव ने जीवनदान,
बढाया माधव ने भी मान,
चलेंगे साथ,
हाथ में हाथ, उठाकर माथ,
शपथ गीता गौमाता की,
जगत के भाग्य विधाता की
आरती भारत माता की,
जगत के भाग्यविधाता की ।

 

भारत माता की आरती – Bharat mata ki aarti

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