सा धरती भई हरियावली, जिथै मेरा सतगुर बैठा आए
से जंत भए हरियावले, जिनी मेरा सतगुर देखिया जाए
धन धँन पिता धन धँन कुल, धन सु जननी जिन गुरु जणिया माए
धन धँन गुरु जिन नाम आराधिया, आप तरिया जिनी डिठ्ठा तिना लए छडाए
हर सतगुर मेलहु दया कर, जन नानक धोवै पाए ॥
सा धरती पै हरियावली ॥ Sa dharti pai hariavali