सर धार ताली गली मेरी आओ || Sir Dhar Tali Gali Meri Aao

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सर धार ताली गली मेरी आओ || Sir Dhar Tali Gali Meri Aao

जौ तौ प्रेम खेलण का चाओ ॥
सिर धर तली गली मेरी आओ ॥
इत मारग पैर धरीजै ॥
सिर दीजै काण न कीजै ॥

कबीर ऐसी होइ परी मन को भावतु कीनु ॥
मरने ते किआ डरपना जब हाथि सिधउरा लीन ॥

जौ तौ प्रेम खेलण का चाओ..

पहिला मरण कबूल जीवण की छड आस ॥
होहु सभना की रेणुका तौ आओ हमारै पास ॥

जौ तौ प्रेम खेलण का चाओ..

 

सर धार ताली गली मेरी आओ || Sir Dhar Tali Gali Meri Aao