नवरात्रि का पर्व शुरू हो गया है और पूरे देश में मां दुर्गा की भक्ति की धूम मची है। इस दौरान मां के नौ स्वरूपों की पूजा की जाती है। नवरात्रि का यह पर्व न केवल धार्मिक बल्कि सांस्कृतिक दृष्टि से भी महत्वपूर्ण है। गरबा और डांडिया के बिना नवरात्रि का पर्व अधूरा माना जाता है। इन नृत्यों का क्या महत्व है और नवरात्रि में इन्हें क्यों खेला जाता है, आइए जानते हैं – 

* गरबा का महत्व –

 
गरबा का शाब्दिक अर्थ है ‘गर्भ’ या ‘अंदर का दीपक’। इसे देवी की आराधना और शक्ति का प्रतीक माना जाता है। नवरात्रि के दौरान मिट्टी के मटके में दीप प्रज्वलित किया जाता है, जिसे ‘गरबी’ कहा जाता है। इस मटके को मां दुर्गा की शक्ति और ऊर्जा का प्रतीक माना जाता है। गरबा नृत्य को इस मटके के चारों ओर करते हुए लोग मां के प्रति श्रद्धा प्रकट करते हैं। यह नृत्य जीवन चक्र और शक्ति का प्रतिनिधित्व करता है, और इसे मां के भजनों पर किया जाता है।

* डांडिया का महत्व – 

डांडिया का संबंध देवी दुर्गा और महिषासुर के बीच हुए युद्ध से है। इसमें प्रयोग की जाने वाली छड़ियों को मां दुर्गा की तलवार का प्रतीक माना जाता है, जो बुराई पर विजय का संकेत है। डांडिया नृत्य में इन छड़ियों का इस्तेमाल करते हुए मां दुर्गा की शक्ति का सम्मान किया जाता है।

इन दोनों नृत्यों के माध्यम से भक्त मां दुर्गा की शक्ति का स्मरण करते हैं और नवरात्रि के सांस्कृतिक पक्ष को जीवंत बनाते हैं।

 

नवरात्रि में क्यों खेला जाता है गरबा और डांडिया? जानें इसका महत्व –

Why is garba and dandiya played during navratri? Know its importance

Leave a Reply