तुम प्रेम हो तुम प्रीत हो,
मेरी बांसुरी का गीत हो,
तुम प्रेम हो तुम प्रीत हो,
मेरी बांसुरी का गीत हो ।
तुम प्रेम हो तुम प्रीत हो,
मनमीत हो राधे,
मेरी मनमीत हो ।
तुम प्रेम हो तुम प्रीत हो,
मनमीत हो राधे,
मेरी मनमीत हो ।
तुम प्रेम हो तुम प्रीत हो,
मेरी बांसुरी का गीत हो ।
तुम हृदय में प्राण में कान्हा,
तुम हृदय में प्राण में,
निशदिन तुम्ही हो ध्यान में,
तुम हृदय में प्राण में,
निशदिन तुम्ही हो ध्यान में ।
हर रोम में तुम हो बसे,
हर रोम में तुम हो बसे,
तुम विश्वास के आह्वान में ।
तुम प्रीत हो तुम गीत हो,
मनमीत हो कान्हा,
मेरे मनमीत हो ।
तुम प्रेम हो तुम प्रीत हो,
मनमीत हो राधे,
मेरी मनमीत हो ।
तुम प्रेम हो तुम प्रीत हो,
मेरी बांसुरी का गीत हो ।
हूँ मैं जहाँ तुम हो वहाँ राधा,
हूँ मैं जहाँ तुम हो वहाँ,
तुम बिन नहीं है कुछ यहाँ,
हूँ मैं जहाँ तुम हो वहाँ,
तुम बिन नहीं है कुछ यहाँ ।
मुझमें धड़कती हो तुम्ही,
मुझमें धड़कती हो तुम्ही,
तुम दूर मुझसे हो कहाँ ।
तुम प्रेम हो तुम प्रीत हो,
मनमीत हो राधे,
मेरी मनमीत हो ।
तुम प्रेम हो तुम प्रीत हो,
पावन प्रणय की रीत हो ।
परमात्मा का स्पर्श हो राधे,
परमात्मा का स्पर्श हो,
पुलकित हृदय का हर्ष हो,
परमात्मा का स्पर्श हो,
पुलकित हृदय का हर्ष हो ।
तुम हो समर्पण का शिखर,
तुम हो समर्पण का शिखर,
तुम ही मेरा उत्कर्ष हो ।
तुम प्रेम हो तुम प्रीत हो,
मेरी भावना की तुम
राधे जीत हो ।
तुम प्रेम हो तुम प्रीत हो,
मनमीत हो राधे,
मेरी मनमीत हो ।
तुम प्रेम हो तुम प्रीत हो,
मेरी बांसुरी का गीत हो ।
राधा… कृष्णा…
कृष्णा… राधा…
राधा… कृष्णा…
कृष्णा… राधा…
तुम प्रेम हो तुम प्रीत हो – Tum prem ho tum preet ho