श्रीकृष्ण जन्माष्टमी भाद्रपद मास की कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को मनाई जाएगी। पूरा देश इस खास पर्व को बेहद धूमधाम और आकर्षक तरीके से मनाता है। इस बार कृष्ण जन्माष्टमी का पर्व 26 अगस्त, सोमवार के दिन मनाया जाएगा। इस दिन अत्यधिक शुभ योग बन रहा है। इस बार ठीक उसी तरह का योग बन रहा है जैसा भगवान कृष्ण के जन्म के समय बना था। मान्यतानुसार इस शुभ योग में व्रत रखने और पूजा-पाठ करने से कई गुना अधिक फल मिल सकते हैं।
* कृष्ण जन्माष्टमी का शुभ मुहूर्त:
पंचांग के अनुसार, इस बार अष्टमी तिथि सोमवार की सुबह 3:40 बजे से लेकर अगली रात 2:20 बजे तक है। श्रीकृष्ण जन्माष्टमी वाले दिन रोहिणी नक्षत्र दोपहर में 3:55 बजे से शुरू होकर 27 अगस्त को सुबह दोपहर 3:38 बजे तक रहेगा।
इस बार जन्माष्टमी पर चंद्रमा वृषभ राशि में रहेंगे। ऐसा ही संयोग भगवान कृष्ण के जन्म के समय भी बना था। इस वक्त रोहिणी नक्षत्र और चंद्रमा का वृषभ राशि में होना अत्यंत शुभ फलदायी माना जाता है। इसके साथ ही अगर जन्माष्टमी सोमवार या बुधवार को पड़ जाए तो यह किसी दुर्लभ संयोग की तरह होता है। इन दोनों दिन जन्माष्टमी पड़ने से जयंती योग बनता है जो बेहद शुभ माना जाता है। बताया जाता है कि बुधवार के दिन ही भगवान कृष्ण का जन्म हुआ था। इससे 6 दिन बाद सोमवार को भगवान कृष्ण का नामकरण हुआ था।
भगवान कृष्ण के जन्मोत्सव पर किसी भी वक्त पूजा कर सकते हैं लेकिन इस दिन में 3 शुभ मुहूर्त भी बन रहे हैं जिसमें पूजा करने से हर तरह की मनोकामनाएं पूरी हो सकती हैं। पहला सुबह 5:56 बजे से लेकर सुबह 7:37 बजे तक का समय उत्तम है। इस दौरान अमृत चौघड़िया रहेगा। शाम में लाभ और अमृत चौघड़िया पूजन का समय 3:36 बजे से लेकर 6:49 बजे तक और रात में 12:01 बजे से लेकर 12:45 बजे तक निशीथ काल का समय पूजा के लिए सबसे उत्तम बताया गया है।
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है।)
इस बार श्रीकृष्ण जन्माष्टमी पर बन रहा महासंयोग, भगवान के जन्म के समय भी बना था ऐसा शुभ संयोग –
This time the great coincidence of shri krishna janmashtami, such auspicious combination was formed at the time of lord’s birth also