तेरे सब संकट मिट जाय, मिट जाय,
तू पूजा कर गोवर्धन की,
तेरे सब संकट मिट जाय, मिट जाय,
तू पूजा कर गोवर्धन की,
तेरे सब संकट मिट जाय,
तू पूजा कर गोवर्धन की,
तू पूजा कर मेरे गिरधर की,
तेरे सब संकट मिट जाय,
कट जाय,
तू पूजा कर गोवर्धन की,

सब मिल परणाम (प्रणाम) पहले कीजे,
गिरिराज ह्रदय में धर लीजे,
चलो मन में प्रेम बढ़ाय,
हो, बढ़ाय,
सोभा निरखो तुम या वन की,

तेरे सब संकट मिट जाय, मिट जाय,
तू पूजा कर गोवर्धन की,

आगे पूंछड़ी को लौठा है,
यो तो खाय खाय भयो सिलौठा है,
करो सब प्रणाम सरतनाय,
यो रक्षा करे अपने जन की,
तेरे सब संकट मिट जाय, कट जाय,
तू पूजा कर गोवर्धन की,

है मुखारविंद की ये झाँकी,
या की मुकुट लकुट भ्रकुटी बाँकी,
या पे दूध की धार चढ़ाय,
हो, चढ़ाये
इच्छा पुराण होव मन की,
तेरे सब संकट मिट जाय, कट जाय,
तू पूजा कर गोवर्धन की,
अब राधा कुंड इस्नान (स्नान) करो,
मन श्री राधे जू को ध्यान धरो,
जो इनकी शरण में आय,
हो, आये,
सब ब्याधि मिट जाये तन मन की,
तेरे सब संकट मिट जाय, कट जाय,
तू पूजा कर गोवर्धन की,

परिक्रमा पूर्ण भई पूर्ण काम,
नन्द बाबा के संग मधुप श्याम,
कर जोड़ो शीश नवाय,
हो, नवाय,
आरम्भ करो विधि पूजन की,
तेरे सब संकट मिट जाय, कट जाय,
तू पूजा कर गोवर्धन की,

 

तेरे सब संकट मिट जाय तू पूजा कर गोवर्धन की – Tere sab sankat mit jaay too pooja kar govardhan kee

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