शिव चालीसा और आरती
शिव चालीसा श्री गणेश गिरिजा सुवन, मंगल मूल सुजान। कहत अयोध्यादास तुम, देहु अभय वरदान॥ जय गिरिजा पति दीन दयाला। सदा करत संतन प्रतिपाला॥ भाल चंद्रमा सोहत नीके। कानन कुण्डल…
शिव चालीसा श्री गणेश गिरिजा सुवन, मंगल मूल सुजान। कहत अयोध्यादास तुम, देहु अभय वरदान॥ जय गिरिजा पति दीन दयाला। सदा करत संतन प्रतिपाला॥ भाल चंद्रमा सोहत नीके। कानन कुण्डल…
श्री गणेश चालीसा॥ दोहा ॥जय गणपति सदगुण सदन,कविवर बदन कृपाल ।विघ्न हरण मंगल करण,जय जय गिरिजालाल ॥ ॥ चौपाई ॥ जय जय जय गणपति गणराजू ।मंगल भरण करण शुभः काजू…