माता ज्वाला जी मंदिर का इतिहास
माता ज्वाला जी मंदिर का इतिहास हिन्दू लोग अपने सभी देवी देवताओं की पूजा बहुत ही श्रद्धा और विधि विधान से करते हैं । यह पर स्थित हर मंदिर की…
माता ज्वाला जी मंदिर का इतिहास हिन्दू लोग अपने सभी देवी देवताओं की पूजा बहुत ही श्रद्धा और विधि विधान से करते हैं । यह पर स्थित हर मंदिर की…
भगत कबीर जी का जन्म और इतिहास भगत कबीर एक भक्त थे और आध्यात्मिक कवि उत्तर परदेश, भारत में रहते थे। वह एक सख्त एकेश्वरवादी और अनुयायी थे, शायद गुरमत…
श्री कृष्ण जी की जन्म कहानी श्रीकृष्ण, हिन्दू धर्म में भगवान हैं। वे विष्णु के 8वें अवतार माने गए हैं। कन्हैया, श्याम, गोपाल, केशव, द्वारकेश या द्वारकाधीश, वासुदेव आदि नामों…
गुरुर्ब्रह्मा, गुरुर्विष्णु, गुरुर्देवो महेश्वर:! गुरु शाक्षात परंब्रह्म तस्मै श्री गुरुवे नम:!! कर्ता करे न कर सके, गुरु करे सो होय! तीन लोक नो खंड में, गुरु से बड़ा न कोय!!…
हनुमान जी का जन्म ज्योतिषीयों की गणना के अनुसार बजरंगबली जी का जन्म चैत्र पूर्णिमा को मंगलवार के दिन चित्र नक्षत्र व मेष लग्न के योग में हुआ था। हनुमानजी…
माता चिन्तपूर्णी का मन्दिर हिमाचल प्रदेश देवी देवताओं की भूमि है। प्रदेश के कोने-कोने में बहुत से प्रसिद्ध तीर्थ स्थल हैं, लेकिन ऊना जिला में स्थित प्रसिद्ध धर्मिक स्थल चिन्तपूर्णी…
खाटू श्याम बाबा जी की कहानी हिन्दू धर्म के अनुसार, खाटू श्याम जी ने द्वापरयुग में श्री कृष्ण से वरदान प्राप्त किया था कि वे कलयुग में उनके नाम श्याम…
माता लक्ष्मी और भगवान विष्णु की एक कथा भगवान् विष्णुजी और सौभाग्य और धन की देवी माँ लक्ष्मीजी के साथ मृत्युलोक भ्रमण की कथा का अमृत पान करेंगे, परमेश्वर के…
केतु देव जी की कहानी केतु की दो भुजाएँ हैं। वे अपने सिर पर मुकुट तथा शरीर पर काला वस्त्र धारण करते हैं। उनका शरीर धूम्रवर्ण का है तथा मुख…
अग्नि देव अग्निदेवता यज्ञ के प्रधान अंग हैं। ये सर्वत्र प्रकाश करने वाले एवं सभी पुरुषार्थों को प्रदान करने वाले हैं। सभी रत्न अग्नि से उत्पन्न होते हैं और सभी…
राहु देव अन्य नाम सैंहिकेय कुल राक्षस पालक पिता विप्रचित्ति पालक माता सिंहिका रंग-रूप इनका काला रंग व भयंकर मुख है। सिर पर मुकुट, गले में माला तथा शरीर पर…
सृष्टि रचना भगवान विश्वकर्मा जी विश्वकर्मा को हिन्दू धार्मिक मान्यताओं और ग्रंथों के अनुसार निर्माण एवं सृजन का देवता माना जाता है। ऐसा माना जाता है कि सोने की लंका…
ਸ਼੍ਰੀ ਅਕਾਲ ਤਖ਼ਤ ਸਾਹਿਬ ਅਕਾਲ ਤਖ਼ਤ ਸਿੱਖਾਂ ਦੇ ਧਾਰਮਿਕ ਅਖਤਿਆਰਾਂ ਦੀ ਮੁੱਢਲੀ ਗੱਦੀ ਤੇ ਰਾਜਨੀਤਕ ਸਰਬੱਤ ਖ਼ਾਲਸਾ ਦੀਵਾਨਾਂ ਦੀ ਮੰਜੀ ਹੈ। ਇਸ ਦੇ ਸ਼ਾਬਦਿਕ ਅਰਥ ਹਨ ‘ਕਾਲ ਤੋਂ ਰਹਿਤ ਪਰਮਾਤਮਾ…
हिन्दू देवता 'भैरवनाथ' हिन्दू धर्म के दो मार्ग दक्षिण और वाम मार्ग में भैरव की उपासना वाममार्गी करते हैं। भैरव का अर्थ होता है जिसका रव अर्थात् शब्द भीषण हो…
देवी सरस्वती वसंत पंचमी का त्योहार हिंदू धर्म में एक विशेष महत्व रखता है। इस दिन विद्या की देवी सरस्वती की पूजा की जाती है। यह पूजा पूर्वी भारत में…
शनि देव की कथा शनि, भगवान सूर्य तथा छाया के पुत्र हैं। इनकी दृष्टि में जो क्रूरता है, वह इनकी पत्नी के शाप के कारण है। ब्रह्मपुराण के अनुसार, बचपन…
एक दिन पार्वती माता स्नान करने के लिए जा रही थी लेकिन वहां पर उनके लिए कोई भी रक्षक उपस्थित नहीं था| इसलिए उन्होंने चंदन के पेस्ट से एक लड़के…
जैन धर्म का इतिहास जैन मत भारत की श्रमण परम्परा से निकला प्राचीन मत और दर्शन है। जैन अर्थात् कर्मों का नाश करनेवाले 'जिन भगवान' के अनुयायी। सिन्धु घाटी से…
जन्म के समय लखदाता जी का नाम सय्यद अहमद सुलतान रखा गया, आप के सभी नामों में से सखी सरवर नाम ज्यादा प्रचलित है क्योंकि आप इतने जयादा दरिया दिल…
चिड़िया के बच्चे.. जब महाभारत का युद्ध प्रारम्भ हो रहा था, इधर से पांड़वो की सेना तैयार थी उधर से कौरवों की सेना तैयार थी। दोनों सेनाएं आपस में टकराने…
जीवनगाथा पीर सखी सरवर - लखदाता जी अरब देश के बग़दाद शहर में बहुत ही करनी वाले फ़क़ीर हुऐ हैं, उनमें से एक फ़क़ीर हुऐ हैं, सय्यद उमरशाह जी ।…
बाबा बालकनाथ जी की कहानी बाबा बालकनाथ अमर कथा में पढ़ी जा सकती है, ऐसी मान्यता है, कि बाबाजी का जन्म सभी युगों में हुआ जैसे कि सत्य युग,त्रेता युग,द्वापर…
मां के चरणों में स्वर्ग है मां दुर्गा आप सबकी मनोकामनाएं पूरी करें और आप सब पर अपना आशीर्वाद बनाए रखें राजेश्वरी धाम देवी राजरानी वैष्णो मंदिर बस्ती शेख रोड,जालंधर…
आरती कीजै हनुमान लला की। दुष्ट दलन रघुनाथ कला की॥ जाके बल से गिरिवर कांपे। रोग दोष जाके निकट न झांके॥ अंजनि पुत्र महा बलदाई। सन्तन के प्रभु सदा सहाई॥…
श्री विष्णु चालीसा ॥ दोहा॥ विष्णु सुनिए विनय। सेवक की चितलाय॥कीरत कुछ वर्णन करूं। दीजै ज्ञान बताय ॥ ॥ चौपाई ॥ नमो विष्णु भगवान खरारी। कष्ट…
शिव चालीसा श्री गणेश गिरिजा सुवन, मंगल मूल सुजान। कहत अयोध्यादास तुम, देहु अभय वरदान॥ जय गिरिजा पति दीन दयाला। सदा करत संतन प्रतिपाला॥ भाल चंद्रमा सोहत नीके। कानन कुण्डल…
श्री गणेश चालीसा॥ दोहा ॥जय गणपति सदगुण सदन,कविवर बदन कृपाल ।विघ्न हरण मंगल करण,जय जय गिरिजालाल ॥ ॥ चौपाई ॥ जय जय जय गणपति गणराजू ।मंगल भरण करण शुभः काजू…