शंकर जी का डमरू बाजे
पार्वती का नंदन नाचे !
बर्फीले कैलाशिखर पर,
जय गणेश की धूम
ओ जय हो…
शंकर जी का डमरू बाजे
पार्वती का नंदन नाचे
बर्फीले कैलाशिखर पर,
जय गणेश की धूम
नाचे धिन धिन धिन्तक धिन !
नाचे धिन धिन, नाचे धिन धिन,
धिन्तक धिन्तक नाचे !!
मनमोहक, मनभावन, नटखट
मूषक गण भागे सरपट !
विघ्न विनायक, संकट मोचन
वक्रतुंड कजरारे लोचन !
झूमे गए बल गणेश
भक्तजनो की कटे कलेश !
नाचे धिन धिन धिन्तक धिन !
नाचे धिन धिन, नाचे धिन धिन,
धिन्तक धिन्तक नाचे !!
सुनकर इतना ज्यादा शोर,
पार्वती आई उस और
डरकर माता उमा के आगे,
दुम दबाकर मूषक भागे
पर अपनी धुन में मस्त गजानन
थिरक रहे है भूलके तन मैं !!
गणपति बाप्पा मोरया, मंगल मूर्ति मोरया !!
शंकर जी का डमरू बाजे – Shankar ji ka damru baje