सारो जगत छोड’र आवियो,
बाबाजी में तो, थारे द्वार,
हारया रा साथी, साथ निभा दे रे,
दुखियारो द्वारै हिवड़ै लगा ले रे।।
कालजड़ो तो म्हारो, घणो दुःख पावै,
याद करूं तो नैणां भर-भर आवे,
घर का नै टोया, टोया गांव का,
कोई ना दियो रे म्हारो साथ,
दिनां रा दाता हाथ बढ़ा दे रे,
दुखियारो द्वारै हिवड़ै लगा ले रे ।।
काली-काली बदली आ सिर पै गरजै,
चिमकै बिजुरिया तो हियो म्हारो धड़कै,
बाट उडिकै टाबर एकलो,
छायी अंधियारी काली रात,
भगतां रा भीड़ी, भीड़ डटा दे रे,
दुखियारो द्वारै हिवड़ै लगा ले रे ।।
भणक पड़ी जद काना प्रभु कै,
द्वारै खड्यो लीलो घोड़ो धड़ूकै,
हांक रिया लीलो घोड़लियो,
मोर छड़ी लियां हाथ,
म्हारो बाबुऴ म्हास्यू मिलबा नै आयो है,
भगतां रो भीड़ी मिलबा नै आयो है ।।
दिन-दुखी नै बाबो हिवड़ै लगा कै,
मत घबरावै बोल्यौ धीर बंधाकै,
हाथ फिरावै सिर पर सांवरो,
लीन्हों रे कालजड़ै लगाय,
म्हारो बाबो म्हारो माण़ बढायो है,
म्हारो बाबो आकै लाड लडायो है ।।
सारो जगत छोड आवियो – Saro jagat chhod aavyo