ना मांगू दुआ, ना चाहूँ मेहर,
ना मांगू दुआ, ना चाहूँ मेहर,
बस तेरा करम हो शामों शहर।
ना मांगू दुआ, ना चाहूँ मेहर
बस तेरा करम हो शामों शहर।
राही को दिखाए राह गुजर, बस एक नज़र तेरी एक नज़र।
रहम नज़र साई रहम नज़र
रहम नज़र साई रहम नज़र
रहम नज़र साई रहम नज़र
बाँधी तूने सर पर कफनी,
बाँधी तूने सर पर कफनी,
तन पर पहना है झोला, कोई फ़क़ीर है मस्त ये मौला, या बैरागी भोला।
कहाँ से आये जाये किधर,
कहाँ से आये जाये किधर,
ये तो है अमन की एक लहर।
राही को दिखाए राह गुजर, बस एक नज़र तेरी एक नज़र।
रहम नज़र साई रहम नज़र
रहम नज़र साई रहम नज़र
रहम नज़र साई रहम नज़र
बन्दे हैं हम सारे उसके,
बन्दे हैं हम सारे उसके,
सबका मालिक एक, श्रद्धा और सबुरी रखकर काम किये जा नेक।
कोई भी राह, कोई भी सफर,
कोई भी राह, कोई भी सफर,
उस तक पहुंचे हर एक डगर।
राही को दिखाए राह गुजर, बस एक नज़र तेरी एक नज़र।
रहम नज़र साईं रहम नज़र,
रहम नज़र साईं रहम नज़र,
रहम नज़र साईं रहम नज़र।