गुरुर्ब्रह्मा, गुरुर्विष्णु, गुरुर्देवो महेश्वर:! गुरु शाक्षात परंब्रह्म तस्मै श्री गुरुवे नम:!! कर्ता करे न कर सके, गुरु करे सो होय! तीन लोक नो खंड में, गुरु से बड़ा न कोय!! गुरु गोविंद दोनों खड़े...
हनुमान जी का जन्म ज्योतिषीयों की गणना के अनुसार बजरंगबली जी का जन्म चैत्र पूर्णिमा को मंगलवार के दिन चित्र नक्षत्र व मेष लग्न के योग में हुआ था। हनुमानजी के पिता सुमेरू पर्वत के वानरराज राजा केसरी थे...
भगवान श्रीराम की कथा और इतिहास प्रभु श्री राम प्राचीन भारत में अवतरित हुए भगवान हैं। हिंदू धर्म में भगवान विष्णु के 10 अवतारों में से भगवान श्रीराम सातवें नंबर पर थे। रामायण ग्रंथ में प्रभु श्रीराम के...
माता चिन्तपूर्णी का मन्दिर हिमाचल प्रदेश देवी देवताओं की भूमि है। प्रदेश के कोने-कोने में बहुत से प्रसिद्ध तीर्थ स्थल हैं, लेकिन ऊना जिला में स्थित प्रसिद्ध धर्मिक स्थल चिन्तपूर्णी काअपनी ही महत्व है।...
खाटू श्याम बाबा जी की कहानी हिन्दू धर्म के अनुसार, खाटू श्याम जी ने द्वापरयुग में श्री कृष्ण से वरदान प्राप्त किया था कि वे कलयुग में उनके नाम श्याम से पूजे जाएँगे। श्री कृष्ण बर्बरीक के महान बलिदान...
माता लक्ष्मी और भगवान विष्णु की एक कथा भगवान् विष्णुजी और सौभाग्य और धन की देवी माँ लक्ष्मीजी के साथ मृत्युलोक भ्रमण की कथा का अमृत पान करेंगे, परमेश्वर के तीन मुख्य स्वरूपों में से एक भगवान विष्णुजी...
केतु देव जी की कहानी केतु की दो भुजाएँ हैं। वे अपने सिर पर मुकुट तथा शरीर पर काला वस्त्र धारण करते हैं। उनका शरीर धूम्रवर्ण का है तथा मुख विकृत है। वे अपने एक हाथ में गदा और दूसरे में वरमुद्रा धारण...
अग्नि देव अग्निदेवता यज्ञ के प्रधान अंग हैं। ये सर्वत्र प्रकाश करने वाले एवं सभी पुरुषार्थों को प्रदान करने वाले हैं। सभी रत्न अग्नि से उत्पन्न होते हैं और सभी रत्नों को यही धारण करते हैं। वेदों में...
राहु देव अन्य नाम सैंहिकेय कुल राक्षस पालक पिता विप्रचित्ति पालक माता सिंहिका रंग-रूप इनका काला रंग व भयंकर मुख है। सिर पर मुकुट, गले में माला तथा शरीर पर काले रंग का वस्त्र धारण करते हैं। संबंधित लेख...