करे कराए आपे प्रभू – साखी श्री गुरु अर्जन देव जी|

एक दिन गुरु अर्जन देव जी के पास चड्डे जाति के दटू, भानू, निहालू और तीर्था आए| उन्होंने आकर गुरु जी से प्रार्थना की महाराज! हमें तो आपके वचनों की समझ ही नहीं आती| एक जगह आप जी लिखते हैं – “करे...

श्री सीता राम जी की आरती|

जुगल छबिकी आरती करूँ नीकी| गौर बरन श्रीजनक ललीकी, स्याम बरन सिय पीकी| मुकुट चंद्रिका में द्युति राजै, अगनित सूर्य ससीकी| सुन्दर अंग अंग में छबि है, कोटिन काम रतीकी| जुगल रूप में सबही पटतर, उपमा हो गई...

जलंधर वध की कथा|

एक बार इंद्र सहित देवताओं ने भगवान शिव की परीक्षा करनी चाही| वह देवों के गुरु वृहस्पति के साथ कैलाश पर्वत पर पहुंचे| शिव ने अपनी आत्मिक शक्ति के बल पर जान लिया| कि ये लोग मेरी परीक्षा लेने आ रहे हैं|...

भैरव चालीसा|

॥ दोहा ॥ श्री गणपति गुरु गौरी पद प्रेम सहित धरि माथ । चालीसा वंदन करो श्री शिव भैरवनाथ ॥ श्री भैरव संकट हरण मंगल करण कृपाल । श्याम वरण विकराल वपु लोचन लाल विशाल ॥ ॥ चौपाई ॥ जय जय श्री काली के लाला ।...

तुम्हारे विचार ही तुम्हारे कर्म हैं!

एक राजा हाथी पर बैठकर अपने राज्य का भ्रमण कर रहा था। अचानक वह एक दुकान के सामने रुका और अपने मंत्री से कहा: मुझे नहीं पता क्यों, पर मैं इस दुकान के स्वामी को फाँसी देना चाहता हूँ। यह सुनकर मंत्री को...

श्री सत्यनारायण कथा|

सूत जी बोले: हे ऋषियों ! जिसने पहले समय में इस व्रत को किया था उसका इतिहास कहता हूँ, ध्यान से सुनो! सुंदर काशीपुरी नगरी में एक अत्यंत निर्धन ब्राह्मण रहता था। भूख प्यास से परेशान वह धरती पर घूमता रहता...

संतोषी माता चालीसा|

॥ दोहा ॥ बन्दौं सन्तोषी चरण रिद्धि-सिद्धि दातार । ध्यान धरत ही होत नर दुःख सागर से पार ॥ भक्तन को सन्तोष दे सन्तोषी तव नाम । कृपा करहु जगदम्ब अब आया तेरे धाम ॥ ॥ चौपाई ॥ जय सन्तोषी मात अनूपम । शान्ति...

हनुमान आरती

॥ श्री हनुमंत स्तुति ॥ मनोजवं मारुत तुल्यवेगं, जितेन्द्रियं, बुद्धिमतां वरिष्ठम् ॥ वातात्मजं वानरयुथ मुख्यं, श्रीरामदुतं शरणम प्रपद्धे ॥ ॥ आरती ॥ आरती कीजै हनुमान लला की । दुष्ट दलन रघुनाथ कला की ॥...

शिव स्तुति: ॐ वन्दे देव उमापतिं सुरगुरुं|

ॐ वन्दे देव उमापतिं सुरगुरुं, वन्दे जगत्कारणम् । वन्दे पन्नगभूषणं मृगधरं, वन्दे पशूनां पतिम् ॥ वन्दे सूर्य शशांक वह्नि नयनं, वन्दे मुकुन्दप्रियम् । वन्दे भक्त जनाश्रयं च वरदं, वन्दे शिवंशंकरम् ॥  ...