हर्षोल्लास से मनाया गया राजेश्वरी धाम में मुर्ति स्थापना दिवस एवं मां देवी राजरानी जी का जन्मोत्सव

राजेश्वरी धाम देवी राज रानी वैष्णो मंदिर, बस्ती शेख रोड, जालंधर में मूर्ति स्थापना दिवस और मां देवी राज रानी जी का जन्म उत्सव बड़ी हर्षोल्लास तथा श्रद्धा पूर्वक 2 अक्टूबर दिन सोमवार को मनाया गया।...

कामाख्या मंदिर का इतिहास – History of kamakhya temple

कामाख्या मंदिर, जिसे कामरूप-कामाख्या मंदिर के नाम से भी जाना जाता है, भारत के असम में गुवाहाटी शहर के पश्चिमी भाग में नीलाचल पहाड़ी पर स्थित एक प्रमुख हिंदू तीर्थ स्थल है। यह भारत में सबसे महत्वपूर्ण...

यरूशलेम में परिषद की कहानी – Story of the council in jerusalem

जेरूसलम में परिषद, जिसे जेरूसलम काउंसिल या अपोस्टोलिक काउंसिल के रूप में भी जाना जाता है, प्रारंभिक ईसाई इतिहास में एक महत्वपूर्ण घटना है, जिसका वर्णन बाइबिल के नए नियम में अधिनियमों की पुस्तक में...

दिलवाड़ा मंदिर का इतिहास – History of dilwara temple

दिलवाड़ा मंदिर भारत के राजस्थान राज्य में माउंट आबू के पास अरावली पहाड़ियों में स्थित जैन मंदिरों का एक समूह है। ये मंदिर अपनी उत्कृष्ट संगमरमर शिल्प कौशल, जटिल वास्तुकला और जैन धर्म में महत्वपूर्ण...

थिकसे मठ का इतिहास – History of thiksey monastery

थिकसे मठ, जिसे थिकसे गोम्पा भी कहा जाता है, उत्तरी भारत के लद्दाख क्षेत्र में स्थित एक प्रमुख तिब्बती बौद्ध मठ है। यह अपनी आश्चर्यजनक वास्तुकला, शांत स्थान और समृद्ध बौद्ध विरासत के लिए प्रसिद्ध है।...

कल तारन गुरु नानक आया – Kal taran guru nanak aaya

सुणी पुकार दातार प्रभ, गुरु नानक जग माहे पठाया चरन धोय रहरास कर, चरणामृत सिखां पीलाया पारब्रह्म पूरन ब्रह्म, कलजुग अंदर इक दिखाया चारे पैर धर्म दे, चार वरन इक वरन कराया राणा रंक बराबरी, पैरीं पवणा जग...

नाबोथ के अंगूर के बाग की कहानी – The story of naboth’s vineyard

नाबोथ के वाइनयार्ड की कहानी पुराने नियम की एक बाइबिल कथा है, जो विशेष रूप से हिब्रू बाइबिल में किंग्स की पहली पुस्तक में पाई जाती है। यह कहानी नाबोथ के अंगूर के बाग के लिए राजा अहाब की इच्छा से जुड़े...

नवरात्रि के दौरान नहीं करने चाहिए यह काम, मान्यतानुसार रूठ जाती हैं माता रानी – These things should not be done during navratri, as per belief mata rani gets angry

गणपति विसर्जन के साथ ही श्राद्ध पक्ष की शुरुआत हो जाती है और उसके बाद शारदीय नवरात्रि का त्योहार आता है। इस साल 15 अक्टूबर से नवरात्रि शुरू हो रही है और 23 अक्टूबर को इसका समापन होगा। ऐसे में नवरात्रि...

परशुराम चालीसा – Parshuram chalisa

॥दोहा॥ श्री गुरु चरण सरोज छवि, निज मन मन्दिर धारि। सुमरि गजानन शारदा, गहि आशिष त्रिपुरारि॥ बुद्धिहीन जन जानिये, अवगुणों का भण्डार। बरणौं परशुराम सुयश, निज मति के अनुसार॥ ॥ चौपाई॥ जय प्रभु परशुराम सुख...