ऊंं- मैं मना आत्मा।
नम:— नमस्कार।
शिवाय्- शिव परमात्मा।
ऊॅं नम: शिवाय्- मैं आत्मा शिव परमात्मा को नमस्कार करता हूं।
इस मंत्र का निरंतर जप करते रहने से चिंतामुक्त जीवन मिलता है।
यह मंत्र जीवन में शांति और शीतलता प्रदान करता है।
शिवलिंग पर जल व बिल्वपत्र चढ़ाते हुए यह शिव मंत्र बोलें व रुद्राक्ष की माला से जप भी करें।
तीन शब्दों का यह मंत्र महामंत्र है।