कोई आण मिलावै मेरा प्रीतम प्यारा
हौं तिस पह आप वेचाई ॥
कोई आण मिलावै मेरा प्रीतम प्यारा…
दर्शन हर देखण कै ताईं, हरि देखण के ताईं
कृपा करहि तां सतिगुर मेलहि
हरि हरि नाम ध्यायी ॥
हौं तिस पह आप वेचाई ॥
कोई आण मिलावै मेरा प्रीतम प्यारा…
जे सुख देहि तां तुझहि अराधी
दुख भी तुझै ध्यायी ॥
जे भुख देहि तां इत ही राजा
दुख विच सूख मनाई ॥
हौं तिस पह आप वेचाई ॥
कोई आण मिलावै मेरा प्रीतम प्यारा…
तन मन काट काट सभ अरपीं
विच अग्नि आप जलायी ॥
पख्खा फेरी पाणी ढोंवा
जो देवहि सो खाई ॥
हौं तिस पह आप वेचाई ॥
कोई आण मिलावै मेरा प्रीतम प्यारा…
नानक गरीब ढहि पया दुआरै
हरि मेल लैहो वडियाई
हरि मेल लैहो वडियाई…
नानक गरीब ढहि पया दुआरै
हरि मेल लैहो वडियाई…
हौं तिस पह आप वेचाई ॥
कोई आण मिलावै मेरा प्रीतम प्यारा…
कोई आन मिलावे मेरा प्रीतम प्यारा – Koi aan milave mera pritam pyara