जानिए भगवान गणेश की पूजा में क्यों नहीं शामिल करते तुलसी के पत्ते – Know why basil leaves are not included in the worship of lord ganesha.

19 सितंबर 2023 से गणेश उत्सव की शुरूआत होने वाली है। 10 दिनों तक चलने वाले इस पर्व में लोग बप्पा की पूजा करके उन्हें प्रसन्न करने की कोशिश करते हैं। मान्यता है कि बप्पा जिस किसी पर मेहरबान होते हैं उसके सारे बिगड़े काम बन जाते हैं और धन, संपत्ति, शांति और समृद्धि में वृद्धि होती हैं। गणेश चतुर्थी के दिन बप्पा को घर लाना सबसे शुभ माना जाता है।  वैसे तो भगवान गणेश को सभी प्रकार के फल-फूल चढ़ते हैं, लेकिन अगर आपने उनके पूजन में भूल कर भी तुलसी पत्ता इस्तेमाल किया तो आप पाप के भागी बन सकते हैं। इससे जुड़ी बहुत प्रखर मान्यता है। 

बप्पा के सभी भक्तों को पूरे साल उनका बेसब्री से इंतजार रहता हैं।  इस साल गणेश उत्सव की शुरुआत 19 सितंबर 2023 से हो रही है।  एक हफ्ते तक लोग उनकी पूजा-अर्चना में मग्न रहेंगे।  बप्पा को मुख्य रूप से अक्षत, फूल, दूर्वा और मोदक चढ़ाए जाते हैं।  मगर भूलकर भी पूजा में तुलसी नहीं चढ़ानी चाहिए।  असल में पौराणिक हिन्दू मान्यताओं के अनुसार तुलसी ने भगवान गणेश को श्राप दे दिया था। 

https://youtu.be/VC2kGE21uKU

पौराणिक कथा के अनुसार, एक बार भगवान गणेश गंगा नदी के घाट पर ध्यान लगाएं बैठे थे।  इसी बीच वहां तुलसी देवी आ पहुंची और उनकी नजर गणेश जी पर पड़ी।  तुलसी को भगवान गणेश भा गए और उन्होनें वहीं गणेश जी को शादी करने का प्रस्ताव दिया।  गणेश जी ने इस प्रस्ताव को इनकार कर दिया। इसपर तुलसी को गुस्सा आया उन्होंने भगवान गणेश को श्राप दिया की उनकी दो शादियां होंगी। 

शिव महापुराण के अनुसार भगवान गणेश की रिद्धि और सिद्धि दो पत्नियां थी।  साथ ही इसमें बप्पा के दो बालकों शुभ और लाभ का भी जिक्र मिलता है।  इसी वजह से तब से लेकर अबतक भगवान गणेश के किसी भी पूजा में तुलसी का प्रयोग नहीं किया जाता है। 

Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है।)

 

जानिए भगवान गणेश की पूजा में क्यों नहीं शामिल करते तुलसी के पत्ते –

Know why basil leaves are not included in the worship of lord ganesha.

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