हिंदू धर्म में आदिशक्ति माता दुर्गा की पूजा-अर्चना का विशेष महत्व है। हर माह के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि को मासिक दुर्गाष्टमी का व्रत रखकर विधि-विधान से माता की पूजा अर्चना की जाती है। जून माह की 14 तारीख को ज्येष्ठ दुर्गा अष्टमी का व्रत रखा जाएगा। ज्येष्ठ माह के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि 13 जून रात 9 बजकर 33 मिनट पर शुरू होगी और 15 जून को देररात 12 बजकर 3 मिनट तक रहेगी। ऐले में मासिक दुर्गाष्टमी का व्रत 14 जून को रखा जाएगा। मान्यता है कि दुर्गाष्टमी का व्रत रखने से भक्तों के सभी प्रकार के कष्ट, भय, रोग और संकट समाप्त हो जाते हैं और सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं। माना जाता है कि दुर्गाष्टमी के दिन कुछ खास चीजों का भोग लगाने से माता अति प्रसन्न होती हैं और भक्तों को मनचाहा वरदान देती है।
# मासिक दुर्गाष्टमी पर माता को लगाएं इन चीजों का भोग:
* खीर का भोग – मासिक दुर्गाष्टमी के दिन माता की विधि-विधान से पूजा-अर्चना करें और उन्हें खीर का भोग लगाएं। भोग लगाने के लिए खीर को सबसे उत्तम माना जाता है और खीर का भोग लगाने से माता रानी प्रसन्न होकर भक्तों पर असीम कृपा करती हैं।
* पंचामृत और शक्कर का भोग – मासिक दुर्गाष्टमी के दिन माता मां दुर्गा को पंचामृत और शक्कर का भोग लगाया जा सकता है। कहते हैं देवी-देवताओं को पंचामृत और शक्कर का भोग लगाने से दीर्घायु का वरदान प्राप्त होता है।
* केले का भोग – दुर्गाष्टमी को माता रानी की पूजा के बाद उन्हें केले का भोग लगाना चाहिए। केले का भोग लगाने से माता की कृपा से बुद्धि के विकास का वरदान प्राप्त होता है जिससे मनचाहा करियर बनाने में मदद मिलती है।
* दूध से बनी मिठाइयों का भोग – दुर्गाष्टमी को माता रानी की दूध से बनी मिठाइयों का भोग लगाना चाहिए। माना जाता है दूध से बनी मिठाइयों से माता को भाग लगाने से धन की प्राप्ति का आशीर्वाद प्राप्त होता है।
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है।)
जानिए दुर्गाष्टमी के दिन माता रानी को किन चीजों का भोग लगाना शुभ होता है।
Know which things are auspicious to offer to mata rani on the day of durgashtami