हिंदू धर्म में गणेश पूजा को बेहद महत्वपूर्ण माना जाता है। किसी भी पूजा या शुभ कार्य से पहले गणपति बप्पा की पूजा की जाती है। पंचांग के अनुसार, हर साल पौष माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि पर अखुरथ संकष्टी चतुर्थी मनाई जाती है। माना जाता है कि इस चतुर्थी पर गणेश पूजा करने पर घर में धन और वैभव आती है। इसके अतिरिक्त विवेक और ज्ञान की प्राप्ति भी होती है। इस साल अखुरथ सकंष्टी चतुर्थी की तिथि को लेकर खासा उलझन की स्थिति बन रही है। 

 

# अखुरथ संकष्टी चतुर्थी कब है:  

 

पंचांग के अनुसार, पौष माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि की शुरूआत 30 दिसंबर, शनिवार सुबह 9 बजकर 43 मिनट से हो रही है और इसका समापन अगले दिन 31 दिसंबर, रविवार की सुबह 11 बजकर 55 मिनट पर हो जाएगा। ऐसे में उदया तिथि के चलते अखुरथ संकष्टी चतुर्थी 30 दिसंबर के दिन ही मनाई जाएगी।

 

अखुरथ संकष्टी चतुर्थी के दिन सुर्योदय से पहले उठा जाता है। स्नान पश्चात स्वच्छ वस्त्र धारण किए जाते हैं और भगवान गणेश का ध्यान करते हैं। इसके बाद लकड़ी की चौकी पर लाल रंग का कपड़ा बिछाया जाता है और भगवान गणेश की प्रतिमा उसके ऊपर रखी जाती है। पूजा करने के लिए भगवान गणेश के समक्ष धूप, दीप और दुर्वा अर्पित किए जाते हैं। गणपति बप्पा की आरती की जाती है, उन्हें भोग लगाया जाता है और सभी में प्रसाद का वितरण करके पूजा संपन्न होती है। अखुरथ संकष्टी चतुर्थी पर सांयकाल में गणेश पूजन किया जाता है और उसके बाद चंद्रदेव के दर्शन किए जाते हैं।

 

संकष्टी चतुर्थी के दिन कुछ विशेष बातों का ध्यान रखने के लिए भी कहा जाता है। इस दिन गरीबों और जरूरतमंदों की मदद करने को बेहद शुभ मानते हैं। संकष्टी गणेश चतुर्थी पर तामसिक भोजन से परहेज के लिए कहा जाता है और व्रत रखने वाले व्यक्ति के अलावा बाकी सभी को भी लहसुन-प्याज ना खाने की सलाह दी जाती है। इस दिन पशु-पक्षियों को दाना-पानी देना भी शुभ होता है।

 

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है।)

 

जानिए कब मनाई जाएगी संकष्टी चतुर्थी, तारीख और पूजा का शुभ मुहूर्त –

Know when sankashti chaturthi will be celebrated, date and auspicious time of puja

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