जानिए अक्टूबर का आखिरी प्रदोष व्रत कब है, गुरु प्रदोष व्रत का महत्व – Know when is the last pradosh fast of october, importance of guru pradosh fast

हिन्दू पंचांग के अनुसार हर माह की त्रयोदशी तिथि को प्रदोष व्रत रखा जाता है। हर माह में दो त्रयोदशी के व्रत होते हैंइस व्रत में सूर्य के डूबने के बाद भगवान शिव की पूजा का विधान है। मान्यता है कि प्रदोष व्रत रखने से भगवान शिव भक्तों के सभी दुख और कष्ट हर लेते हैं।अक्टूबर में अंतिम प्रदोष व्रत अश्विन माह के शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि को रखा जाएगा। इस व्रत के दिन गुरुवार होने के कारण यह गुरु प्रदोष का व्रत होगा.आइए जानते हैं अक्टूबर माह का अंतिम प्रदोष व्रत कब है और गुरु प्रदोष व्रत का क्या महत्व है।

* कब है अक्टूबर माह का अंतिम प्रदोष व्रत – इस वर्ष अश्विन माह के शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि 26 अक्टूबर को सुबह 9 बजकर 44 मिनट से शुरु होकर 27 अक्टूबर को सुबह 6 बजकर 56 मिनट तक रहेगी। प्रदोष व्रत 26 अक्टूबर गुरुवार को रखा जाएगा।

* प्रदोष व्रत का मुहुर्त और योग – 26 अक्टूबर गुरुवार को प्रदोष व्रत की पूजा का मुहूर्त शाम 5 बजकर 41 मिनट से रात 8 बजकर 15 मिनट तक है। इस शुभ मुहूर्त में भगवान शिव की पूजा करने से शुभ फल प्राप्त होंगे। प्रदोष व्रत 26 अक्टूबर गुरुवार को गुरु प्रदोष व्रत के दिन ध्रुव और व्याधात योग बन रहे हैं। प्रात: काल से सुबह 8 बजकर 50 मिनट तक ध्रुव योग है और इसके बाद व्याणात योग शुरु होगा।

* गुरु प्रदोष व्रत का महत्व – सप्ताह के जिस दिन प्रदोष का व्रत पड़ता है उस दिन के अनुसार ही उसका महत्व होता है। 26 अक्टूबर को गुरुवार होने के कारण यह गुरु प्रदोष व्रत है। गुरु प्रदोष व्रत करने से भगवान शिव की कृपा से शत्रुओं पर विजय प्राप्त होती है।

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है।)

 

जानिए अक्टूबर का आखिरी प्रदोष व्रत कब है, गुरु प्रदोष व्रत का महत्व –

Know when is the last pradosh fast of october, importance of guru pradosh fast

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