सावन माह के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को नागपंचमी मनाया जाता है। इस बार नागपंचमी 9 अगस्त शुक्रवार को मनाई जाएगी। हरियाली तीज के दो दिन बाद मनाएं जाने वाले नागपंचमी के दिन भगवान शिव, माता पार्वती और नाग देवताओं की पूजा की जाती है। मान्यता है कि नागपंचमी को भगवान शिव, माता पार्वती और नाग देवताओं की पूजा से सभी प्रकार के कष्टों से मुक्ति मिलती है और जीवन में सुख समृद्धि में वृद्धि होती है। इस बार नागपंचमी के दिन सिद्ध योग और साध्य योग बनने के कारण नागपंचमी के दिन बनने वाले पूजन मुहूर्त का महत्व बहुत बढ़ गया है। पूजा में मुहूर्त का बहुत महत्व होता है। शुभ मुहूर्त में की गई पूजा से सर्वोतम लाभ प्राप्त होता है। नागपंचमी के दिन भी भगवान शिव, माता पार्वती और नाग देवता की पूजा श्रेष्ठ मुहूर्त करने से लाभ होगा।

* पंचमी तिथि:

सावन माह के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि 9 अगस्त शुक्रवार को सुबह 12 बजकर 36 मिनट से शुरू होकर 10 अगस्त शनिवार को सुबह 3 बजकर 14 मिनट तक रहेगी।

* सिद्ध योग और साध्य योग:

नागपंचमी के दिन 9 अगस्त शुक्रवार को दोपहर को 1 बजकर 46 मिनट तक सिद्ध योग है और इसके बाद साध्य योग शुरू होगा। साध्य योग 10 अगस्त शनिवार को दोपहर 2 बजकर 52 मिनट तक रहेगा।

* नागपंचमी को चौघड़िया मुहूर्त: 

नागपंचमी के दिन चौघड़िया मुहूर्त में लाभ उन्नति मुहूर्त सुबह 7 बजकर 26 मिनट से 9 बजकर 6 मिनट तक है और अमृत सर्वोतम मुहूर्त सुबह 9 बजकर 6 मिनट से 10 बजकर 46 मिनट तक है। नागपंचमी के दिन 2 घंटे 45 मिनट का समय पूजा के लिए सर्वोतम है और इस समयावधि में भगवान शिव, माता पार्वती और नाग देवता की पूजा को सर्वोतम लाभ प्राप्त हो सकता है।

* नागपंचमी पूजन मंत्र: 

सर्वे नागा: प्रीयन्तां मे ये केचित् पृथ्वीतले।

ये च हेलिमरीचिस्था येन्तरे दिवि संस्थिता।।

ये नदीषु महानागा ये सरस्वतिगामिन:।

ये च वापीतडगेषु तेषु सर्वेषु वै नम:।।

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है।)

 

जानिए नाग पंचमी के दिन कब है पूजा का श्रेष्ठ योग –

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