हिंदू धर्म में भगवान विष्णु के अवतार माने जाने वाले श्रीकृष्ण भगवान का बहुत महत्व है। श्रीकृष्ण जन्माष्टमी भगवान कृष्ण के जन्मोत्सव के रूप में मनाई जाती है और कृष्ण भक्तों के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। भाद्रपद माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को जन्माष्टमी का त्योहार मनाया जाता है। शास्त्रों के अनुसार भाद्रपद माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को रोहिणी नक्षत्र में लग्न वृषभ राशि और बुधवार की मध्य रात्रि प्रभु बाल कृष्ण के रूप प्रकट हुए थे। मान्यता है कि श्रीकृष्ण जन्माष्टमी का व्रत रखने और विधि-विधान से प्रभु श्रीकृष्ण की पूजा करने से अक्षय पुण्य की प्राप्ति होती है। आइए जानते इस वर्ष श्री कृष्ण जन्माष्टमी की तिथि, शुभ मुहूर्त और इस दिन का धार्मिक महत्व।
* श्रीकृष्ण जन्माष्टमी की तिथि:
हिंदू पंचांग के अनुसार इस वर्ष भाद्रपद माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि 26 अगस्त को सुबह 3 बजकर 41 मिनट से शुरू होगी और 27 अगस्त को सुबह 2 बजकर 21 मिनट तक रहेगी। इस वर्ष 26 अगस्त सोमवार को श्रीकृष्ण जन्माष्टमी मनाई जाएगी।
जन्माष्टमी पर रोहिणी नक्षत्र शाम 3 बजकर 54 मनिट से लेकर 27 अगस्त को शाम 3 बजकर 39 मिनट तक रहेगा। जन्माष्टमी पर श्री कृष्ण पूजा का शुभ मुहूर्त 26 अगस्त को रात 12 बजे से 12 बजकर 44 मिनट यानी 44 मिनट रहेगा।
* श्रीकृष्ण जन्माष्टमी का महत्व:
हिंदू धर्म में भगवान श्रीकृष्ण को भगवान विष्णु का अवतार माना गया है। मान्यता है कि भगवान श्रीकृष्ण की भक्ति भवसागर को पार करा देती है। इससे भक्तों को मोक्ष की प्राप्ति संभव है। श्रीकृष्ण भगवान की पूजा में जन्माष्टमी का सबसे ज्यादा महत्व है। यह दिन भगवान के पृथ्वी लोक पर प्रकट होने के दिन के रूप में मनाया जाता है। भक्त रात्रि के 12 बजे प्रभु के जन्म लेने और उन्हें पालने में डालने के तौर पर मनाते हैं। इस दिन भगवान श्रीकृष्ण की पूजा सभी प्रकार के कष्टों को हरने वाली और सभी अभिलाषाओं को पूर्ण करने वाली मानी जाती है।
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है।)
जानिए कब है श्रीकृष्ण जन्माष्टमी, तिथि, शुभ मुहूर्त और धार्मिक महत्व के बारे में –
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