भगवान शिव के प्रिय महीने सावन में कई व्रत और त्योहार मनाए जाते हैं। इस माह में भगवान भोलेनाथ और माता पार्वती की पूजा की जाती है। इस महीने में पड़ने वाला प्रदोष व्रत बहुत महत्वपूर्ण हो जाता है । मान्यता है कि इस व्रत को रखने वालों को मनवांक्षित फल की प्राप्ति होती है।
* शनि प्रदोष व्रत कब रखा जाएगा:
पंचांग के मुताबिक, श्रावण मास के शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि 17 अगस्त को शनि प्रदोष व्रत रखा जाएगा। इसकी शुरुआत सुबह 8 बजकर 05 मिनट पर होगा और18 अगस्त को सुबह 5 बजकर 51 मिनट पर समापन होगा। इस तिथि पर प्रदोष काल में भगवान शिव की आराधना की जाती है। इस दिन प्रदोष काल का समय शाम 6 बजकर 58 मिनट से लेकर रात 9 बजकर 11 मिनट तक रहेगा। इस दौरान पूजा करना अत्यंत शुभ फलदायी होगा।
* शनि प्रदोष व्रत का शुभ योग 2024:
ज्योतिष के मुताबिक, सावन माह का अंतिम प्रदोष व्रत पर इस बार प्रीति योग बन रहा है। इसका समापन सुबह 10 बजकर 48 मिनट पर होगा। इसके बाद आयुष्मान योग बनेगा, जो रात्रि तक रहेगा। इस तिथि पर दुर्लभ शिववास योग भी बन रहा है। माना जा रहा है कि इस शुभ अवसर पर भगवान शिव सुबह 8।05 बजे तक कैलाश पर ही निवास करेंगे और नंदी पर सवार रहेंगे। इस समय भगवान की पूजा करने से हर मनोरथ सिद्ध होंगे।
* शनि प्रदोष व्रत का शुभ मुहूर्त 2024:
– सूर्योदय – 6 बजकर 04 मिनट
– सूर्यास्त – 6 बजकर 58 मिनट
– चंद्रोदय – 5 बजकर 18 मिनट
– चंद्रास्त – 18 अगस्त को शाम 4 बजकर 10 मिनट पर
– ब्रह्म मुहूर्त – सुबह 4:35 बजे से लेकर 5:20 बजे तक
– विजय मुहूर्त – दोपहर 2:40 बजे से लेकर 3:31 बजे तक
– गोधूलि मुहूर्त – शाम 6:58 बजे से लेकर 7:20 बजे तक
– निशिता मुहूर्त – रात 12:09 बजे से लेकर 12:53 बजे तक
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है।)
जानिए सावन का अंतिम प्रदोष व्रत कब और कैसे रखा जाएगा।
Know when and how the last pradosh fast of sawan will be observed