हिंदू धर्म में एकादशी तिथि के दिन जगत के पालनकर्ता प्रभु श्री हरि की पूजा का विशेष महत्व है। मान्यता है कि एकादशी का व्रत रखने और विधि-विधान से भगवान विष्णु की पूजा अर्चना करके जीवन की सभी परेशानियां दूर हो जाती हैं और भगवान सुख और समृद्धि का आशीर्वाद देते हैं। एकादशी व्रतों में ज्येष्ठ माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी यानी निर्जला एकादशी का विशेष महत्व है। इस बार इस एकादशी का व्रत 18 जून को रखा जाएगा। बगैर जल ग्रहण किए मनाई जाने वाली इस एकादशी के व्रत से वर्ष भर की एकादशी का पुण्य प्राप्त हो जाता है। निर्जला एकादशी के दिन भगवान विष्णु को उनकी प्रिय चीजों का भोग लगाने से प्रभु की विशेष कृपा प्राप्त होती है और भंडार हमेशा धन धान्य से भरा रहता है।
# निर्जला एकादशी पर भगवान विष्णु का भोग:
* केला और तुलसी का भोग:
निर्जला एकादशी के दिन भगवान विष्णु को केले का भोग अवश्य लगाना चाहिए। चारों लोक के पालनकर्ता श्री हरि को पीले रंग की चीजें अत्यंत प्रिय हैं। पके हुए पीले रंग के केले को भोग के रूप से अर्पित करने पर वे अत्यंत प्रसन्न होते हैं। बगैर तुलसी के भगवान विष्णु भोग ग्रहण नहीं करते हैं। भोग में तुलसी के कुछ पत्ते जरूर डाल दें।
* पीली मिठाई का भोग:
निर्जला एकादशी के दिन भगवान विष्णु को पीले रंग की मिठाई जरूर लगाएं। इसके लिए केसर पेड़ा, पीले रंग के रसगुल्ले, गुड़ से बनी मिठाई ली जा सकती है। मान्यता है कि पीले रंग की मिठाइयों से भोग लगाने से जीवन की परेशानियां कम होती हैं और कार्यक्षेत्र और ज्ञान अर्जन में लाभ होता है।
* पंजीरी का भोग:
भगवान विष्णु को पंजीरी का भोग भी अत्यंत प्रिय है। निर्जला एकादशी के दिन प्रभु को पंजीरी का भोग जरूर लगाना चाहिए। पंजीरी के भोग से भगवान विष्णु के साथ-साथ माता लक्ष्मी की भी कृपा प्राप्त होती है। मान्यता है कि पंजीरी का भोग लगाने से अशुभ ग्रहों के बुरे प्रभाव से छुटकारा मिलता है।
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है।)
जानिए निर्जला एकादशी पर भगवान विष्णु को किन चीजों का भोग लगाना चाहिए।
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