सनातन धर्म में केले के पौधे को काफी शुभ और मंगलकारी माना गया है। केले के पत्ते को जहां पूजा-पाठ और अन्य मांगलिक कार्यक्रमों में इस्तेमाल किया जाता है वहीं, केले के पौधे की भी पूजा की जाती है। मान्यता है कि केले के पत्ते में खुद भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी का निवास होता है और इसलिए हर शुभ कामकाज में केले के पौधे और पत्तों की पूजा होती आई है। कहा जाता है कि केले के पत्तों में ढेर सारी सकारात्मक ऊर्जा होती है और इनके उपयोग से घर में निगेटिव एनर्जी दूर हो जाती है। इसके साथ-साथ शुभ कामकाज में पंगत को केले के पत्तों पर ही भोजन परोसा जाता है। इसके साथ-साथ कई देवी देवताओं को भी केले के पत्ते पर भोग लगाया जाता है।
* भगवान विष्णु को लगाया जाता है केले के पत्ते पर भोग:
चूंकि केले के पत्ते में भगवान विष्णु का वास माना गया है इसलिए भगवान विष्णु को केले के पत्ते पर ही भोग लगाया जाता है। अगर आप अपने घर के मंदिर में भगवान विष्णु को केले के पत्ते पर भोग लगाएं तो इससे घर में सुख शांति बनी रहेगी और घर में समृद्धि का वास होगा। मान्यता है कि जिन घरों में विवाह योग्य लड़के-लड़कियों की शादी में बाधा आ रही है, वहां भगवान विष्णु को केले के पत्ते पर ही भोग लगाना चाहिए। ऐसा करने पर घर में विवाह के योग बनने शुरू हो जाते हैं।
* गणपति बप्पा को लगाया जाता है केले के पत्ते पर भोग:
भगवान विष्णु के साथ-साथ प्रथम पूज्य भगवान यानी भगवान गणपति को भी केले के पत्ते पर भोग लगाना अत्यंत लाभदायक माना जाता है। कहा जाता है कि भगवान गणेश को केला काफी प्रिय है और इसलिए उन्हें केले के पत्ते पर भोग लगाना अच्छा माना जाता है। इससे प्रसन्न होकर भगवान गणेश सभी मनोकामनाएं पूरी करते हैं।
* मां लक्ष्मी को लगाएं केले के पत्ते पर भोग:
धन संपत्ति की देवी कही जाने वाली मां लक्ष्मी को भी केले के पत्ते पर भोग लगाना काफी शुभ माना जाता है। अगर आप ऐसा करते हैं तो घर में सुख-समृद्धि का हमेशा वास रहेगा और घर-परिवार पर मां लक्ष्मी की कृपा बनी रहेगी।
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है।)
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