हर माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को कालाष्टमी का व्रत रखा जाता है। कालाष्टमी को भगवान शिव के रौद्र रूप काल भैरव की पूजा की जाती है। ज्येष्ठ माह में कालाष्टमी का व्रत 30 मई को रखा जाएगा। कालाष्टमी पर व्रत रखने और काल भैरव की पूजा करने से नकारात्मक शक्तियां दूर रहती हैं। पुराणों में वर्णन है कि कालाष्टमी के दिन दान करने से पापों का नाश और ग्रहों के दोषों से मुक्ति मिलती है। काल भैरव की कृपा से सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं। इस दिन खास चीजों का दान करने से वैवाहिक जीवन में आने वाली परेशानियों से भी मुक्ति मिल सकती है। ऐसा करने से प्रेम संबंध भी प्रगाढ़ होते हैं।
* कालाष्टमी पूजा मुहूर्त:
ज्येष्ठ माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि की शुरुआत 30 मई को सुबह 10 बजकर 13 मिनट पर हो रही है। जिसका समापन 31 मई को सुबह 08 बजकर 08 मिनट पर होगा। कालाष्टमी के दिन निशिता मुहूर्त में काल भैरव की पूजा की जाती है। ऐसे में 30 मई, 2024 दिन गुरुवार को कालाष्टमी व्रत रखा जाएगा।
* कालाष्टमी पर जरूर करें ये दान:
कालाष्टमी में भगवान शिव की पूजा की जाती है। इस दिन दान करने से भक्तों को विशेष फल प्राप्त होते हैं।
* काले तिल:
काले तिल को शनि ग्रह से जुड़ा माना जाता है, और शनि प्रेम और विवाह का कारक ग्रह है। काले तिल का दान करने से शनि देव की कृपा प्राप्त होती है, जिससे प्रेम संबंध की बाधाएं दूर होती हैं।
* उड़द दाल:
उड़द की दाल शनि ग्रह से संबंधित है। कालाष्टमी के दिन इसका दान करना बहुत शुभ होता है। इससे शनि देव प्रसन्न होते हैं और उनकी कृपा से प्रेम संबंध बेहतर होते हैं।
* चावल:
चावल भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी का प्रतीक है। कालाष्टमी का व्रत रखने के बाद चावल का दान करना बहुत फलदाई है। इससे प्रेम संबंध में स्थिरता आती है।
* काले वस्त्र:
काला रंग भगवान शनि को समर्पित है। कालाष्टमी के दिन काले रंग का वस्त्र दान करने से शनि देव की कृपा प्राप्त होती है और लव लाइफ में आने वाली परेशानियां दूर होती हैं।
* जूते:
जूते का दान करने से राहु दोष दूर होता है। राहु दोष के कारण अक्सर लव लाइफ में बाधाएं आती हैं। जूते के दान से राहु दोष कम करने में मदद मिलती है।
* नारियल:
नारियल का फल भगवान भोलेनाथ और माता पार्वती का प्रतीक माना जाता है। कालाष्टमी का व्रत रखकर नारियल का दान करने से प्रेम संबंध मजबूत होते हैं।
* इनका रखें ध्यान:
दान हमेशा किसी जरूरतमंद व्यक्ति को करना चाहिए और दान स्वरूप दी जाने वाली चीजें अच्छी गुणवत्ता वाली होनी चाहिए।
* इस मंत्र का करें जाप:
कालाष्टमी के दिन “ॐ नमः शिवाय” मंत्र का जाप करें और शिवरात्रि और महाशिवरात्रि जैसे पर्वों पर व्रत रखें।
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है।)
जानिए कालाष्टमी पूजा का मुहूर्त और किन चीजों का दान करना चाहिए।
Know the time of kalashtami puja and what things should be donated