पंचांग के अनुसार, फाल्गुन माह के शुक्ल पक्ष में पड़ने वाली एकादशी अमालकी एकादशी कहते हैं और इस एकादशी को रंगभरी एकादशी के नाम से भी जाना जाता है। इस एकादशी के दिन भगवान विष्णु के साथ ही भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा भी की जाती है। पौराणिक कथाओं के अनुसार, इस दिन देवों के देव महादेव और माता पार्वती काशी गए थे और उन्होंने इस एकादशी को पूरे उत्साह के साथ मनाया था। 

* कब है 2024 में रंगभरी एकादशी:

 

इस साल रंगभरी एकादशी या आमलकी एकादशी की तिथि 20 मार्च की रात 12 बजकर 21 मिनट पर शुरू हो जाएगी और एकादशी तिथि का समापन 21 मार्च की सुबह 2 बजकर 22 मिनट पर होगा।

इस चलते 20 मार्च के दिन ही रंगभरी एकादशी मनाई जाएगी। एकादशी के व्रत का पारण अगले दिन 21 मार्च दोपहर 1 बजकर 31 मिनट से शाम 4 बजकर 7 मिनट तक किया जा सकता है।

रंगभरी एकादशी के दिन भगवान विष्णु संग भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा की जाती है। इस दिन पुष्य नक्षत्र बन रहा है जिस चलते यह व्रत और ज्यादा महत्वपूर्ण माना जा रहा है। सबसे पहले भगवान शिव का अभिषेक किया जाता है। इसके पश्चात माता पार्वती और भगवान शिव के समक्ष फल, फूल, अक्षत, भांग, धतूरा, बेलपत्र, गंगाजल और गाय का दूध चढ़ाया जाता है। माता पार्वती को इस दिन फूल, सिंदूर और अन्य श्रृंगार सामग्री अर्पित की जाती है। इसके बाद माता पार्वती और भगवान शिव को गुलाल चढ़ाकर पूजा संपन्न की जाती है। भगवान विष्णु की पूजा हर एकादशी पूजा की तरह ही होती है। पूजा में पीले रंग के वस्त्र पहनने का विशेष महत्व होता है। पूजा के बाद विष्णु मंत्रों का जाप किया जाता है और आरती करके पूजा संपन्न की जाती है।

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है।)

 

जानिए इस साल रंगभरी एकादशी का व्रत किस दिन रखा जाएगा और कैसे की जाएगी पूजा –

Know on which day rangbhari ekadashi fast will be observed this year and how the puja will be performed

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