पंचांग के अनुसार, हर साल आश्विन माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि पर जितिया व्रत रखा जाता है। मान्यतानुसार यह व्रत मां अपनी संतान की लंबी उम्र, स्वास्थ्य और सुरक्षा के लिए रखती हैं। इस व्रत को जीवित्पुत्रिका व्रत के नाम से भी जाना जाता है। जितिया व्रत पर मान्यतानुसार गंधर्व राजा जीमूतवाहन की पूजा की जाती है। बिहार, उत्तर प्रदेश और झारखंड में अधिकतर यह व्रत रखा जाता है।
* जितिया व्रत कब है:
इस साल आश्विन माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि 24 सितंबर, मंगलवार की दोपहर 23 बजकर 34 मिनट पर शुरू हो रही है और इस तिथि का समापन अगले दिन 25 सितंबर, बुधवार की दोपहर 12 बजकर 10 मिनट पर हो जाएगा। ऐसे में उदया तिथि के चलते 25 सितंबर, बुधवार के दिन ही जितिया व्रत रखा जाएगा और जितिया व्रत की पूजा की जाएगी। इस दिन महिलाएं निर्जला व्रत रखती हैं।
* जितिया व्रत का शुभ मुहूर्त:
जितिया व्रत की पूजा सूर्यास्त के बाद की जाती है। 25 सितंबर के दिन व्रत का लाभ-उन्नति मुहूर्त सुबह 6 बजकर 11 मिनट से सुबह 7 बजकर 41 मिनट तक है। इसके पश्चात पूजा का अमृत सर्वोत्तम मुहूर्त सुबह 7 बजकर 41 मिनट से 9 बजकर 12 मिनट तक है। इन शुभ मुहूर्त में पूजा की जा सकती है।
* जितिया व्रत की पूजा विधि:
सुबह स्नान के पश्चात भगवान जीमूतवाहन का ध्यान करके व्रत का संकल्प लिया जाता है। भगवान सूर्य नारायण की प्रतिमा को स्नान कराया जाता है। कुशा से बनी भगवान जीमूतवाहन की प्रतिमा के समक्ष धूप, दीप और चावल समेत पुष्प आदि अर्पित किए जाते हैं। मिट्टी और गाय के गोबर से चील और सियारिन की मूर्ति बनाई जाती है। साथ ही, भगवान सूर्यनारायण की आरती की जाती है। विधि-विधान से भगवान जीमूतवाहन की पूजा करने के बाद जितिया व्रत की कथा पढ़ी जाती है और आरती गाने के बाद भोग लगाकर पूजा का समापन होता है।
* कब किया जाएगा जितिया व्रत का पारण:
जितिया व्रत का पारण अगले दिन किया जाता है। 25 सितंबर के दिन जितिया व्रत रखा जाएगा इस चलते अगले दिन 26 सितंबर, गुरुवार को व्रत का पारण किया जाएगा। व्रत पारण का शुभ मुहूर्त सूर्योदय के बाद 6 बजकर 12 मिनट पर होगा।
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है।)
जानिए इस साल किस दिन पड़ रहा है जितिया व्रत और किस तरह पूजा की जा सकती है संपन्न –
Know on which day jitiya vrat is falling this year and how the puja can be performed