पंचांग के अनुसार, हर साल आश्विन माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि पर जितिया व्रत रखा जाता है। इसे जितिया, जिउतिया और जीवितपुत्रिका व्रत भी कहते हैं। इस व्रत को माएं अपनी संतान के लिए रखती हैं। माना जाता है कि जितिया व्रत के दिन पूरे विधि-विधान से भगवान जीमूतवाहन की पूजा की जाए तो घर में खुशहाली आती है। जितिया व्रत में नहाय खाय और खरना का पालन होता है और सूर्य देव को अर्घ्य देकर पूजा की जाती है। प्रमुख रूप से बिहार, उत्तर प्रदेश और झारखंड में इस व्रत को रखने की विशेष मान्यता है। इस साल जितिया व्रत की तिथि को लेकर उलझन की स्थिति बन रही है। 

* जितिया व्रत कब है: 

इस साल आश्विन माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि 24 सितंबर की दोपहर 12 बजकर 38 मिनट पर शुरू हो रही है और इस तिथि की समाप्ति 25 सितंबर की दोपहर 12 बजकर 10 मिनट पर हो जाएगी।

उदया तिथि के अनुसार 25 सितंबर के दिन ही जितिया व्रत रखा जाएगा। भगवान जीमूतवाहन की पूजा का शुभ मुहूर्त 25 सितंबर की शाम 4 बजकर 43 मिनट से शाम 6 बजकर 14 मिनट तक रहेगा। इस शुभ मुहूर्त में पूजा संपन्न की जा सकती है।

* जितिया व्रत की पूजा विधि: 

माना जाता है कि जितिया व्रत की पूजा बेहद कठिन होती है। जितिया व्रत में महिलाएं कठिन विधि का पालन करती हैं। इस दिन स्नान के बाद पूजा का आरंभ होता है। महिलाएं इस दिन निर्जला व्रत रखती हैं और व्रत पारण करने के बाद ही कुछ खाती हैं। पूजा करने के लिए सुबह सूर्योदय के बाद स्नान किया जाता है और स्वच्छ वस्त्र धारण किए जाते हैं। इसके बाद पूजा स्थल की सफाई की जाती है। पूजा स्थल पर मिट्टी और गोबर से लिपाई करके छोटा सा तालाब और कुशा से भगवान जीमूतवाहन की मूर्ति बनाकर स्थापित की जाती है। मिट्टी से चील और सियारिन भी बनाए जाते हैं। इसके पश्चचात पूजा आरंभ होती है। धूप, दीप, फूल, रोली और अक्षत आदि भगवान के समक्ष अर्पित किए जाते हैं। सभी मूर्तियों के माथे पर सिंदूर से टीका लगाया जाता है। पूजा करके जितिया व्रत की कथा पढ़ी जाती है। महिलाएं भगवान से संतान सुख और संतान को रोगों और कष्टों से दूर रखने की कामना करती हैं।

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है।)

 

उदया तिथि के आधार पर जानें किस दिन रखा जाएगा जितिया व्रत और भगवान जीमूतवाहन की पूजा का शुभ मुहूर्त –

Know on which day jitiya fast will be observed and auspicious time for worship of lord jimutvahan based on udaya tithi

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