हिंदू कैलेंडर के अनुसार, शीतला अष्टमी चैत्र महीने में कृष्ण पक्ष के आठवें दिन पड़ती। यह दिन भक्तों के लिए सबसे महत्वपूर्ण पवित्र दिनों में से एक है। क्योंकि इस दिन स्वास्थ्य और समृद्धि की देवी शीतला की पूजा की जाती है। आपको बता दें कि शीतला अष्टमी को बसोड़ा पूजा के नाम से भी जाना जाता है। यह पर्व मुख्य रूप से उत्तर प्रदेश, राजस्थान और गुजरात में मनाया जाता है। ऐसे में इस बार बसोड़ा पूजा की तारीख, मुहूर्त और पूजा विधि इस आर्टिकल में बताने वाले हैं।
* शीतला अष्टमी पूजा मुहूर्त:
शीतला अष्टमी 01 अपैल रात 09 बजकर 09 मिनट से शुरू होगी, जो अगले दिन यानी 02 अप्रैल को शाम 08 बजकर 08 मिनट पर समाप्त होगी। पूजा करने का समय सुबह 06 बजकर 19 मिनट से लेकर शाम 06 बजकर 32 मिनट तक रहेगा।
* शीतला अष्टमी (बसोड़ा) पूजा विधि:
– सूर्योदय से पहले पानी में गंगाजल मिलाकर स्नान करना चाहिए।
– शुद्ध जल से स्नान करके स्वच्छ नारंगी वस्त्र धारण करें।
– अब, बसोड़ा पूजा के लिए आवश्यक सामान तैयार करें।
– देवी शीतला को अर्पित करने के लिए दो थालियां सजा लीजिए, पहली प्लेट में दही, रोटी, नमक पारे, पुआ, मठरी, बाजरा और पिछले दिन बनाया हुआ मीठा बासी चावल।
– दूसरी थाली में आटे से बना एक दीपक, कुमकुम, स्वच्छ, कुंवारी वस्त्र, एक सिक्का, मेहंदी और ठंडे पानी से भरा कलश।
– अब शीतला माता की आरती करें और प्रसाद को बिना दीपक जलाए थालियों में ही चढ़ा दीजिए। साथ ही नीम के पेड़ पर जल भी चढ़ाएं।
* शीतला अष्टमी का महत्व:
ऐसी मान्यता है कि देवी शीतला की पूजा करने से चेचक, चिकनपॉक्स जैसी बीमारियों से छुटकारा मिलता है और अन्य सभी कष्टों से मुक्ति मिलती है। यह भी मान्यता है कि देवी शीतला के हाथ में झाड़ू घर में दरिद्रता को दूर रखता है और धन की वृद्धि को बढ़ावा देता है।
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है।)
जानिए अप्रैल की किस तारीख को रखा जाएगा शीतला अष्टमी का व्रत, तारीख, विधि और महत्व के बारे में –
Know on which date of april the fast of sheetla ashtami will be observed, about its date, method and importance