चैत्र माह में पड़ने वाली अमावस्या काफी महत्वपूर्ण मानी जाती है। इस बार चैत्र माह के कृष्ण पक्ष की अमावस्या 8 अप्रैल को है और सोमवार होने के कारण इसे सोमवती अमावस्या कहा जाता है। सोमवती अमावस्या देवों के देव महादेव और मां पार्वती से संबंधित मानी जाती है। साथ ही, इस दिन पितरों का तर्पण किए जाने से उनका आशीर्वाद प्राप्त होता है। कहते हैं कि सोमवती अमावस्या के दिन भगवान शिव के साथ मां पार्वती की विधि-विधान से पूजा अर्चना करने से सुख-शांति और समृद्धि मिलती है। साथ ही व्रत करने से अखंड सौभाग्य, खुशहाली और पितरों का आशीर्वाद मिलता है।
* सोमवती अमावस्या 2024 तिथि और शुभ मुहूर्त:
हिंदू पंचांग के अनुसार, चैत्र माह के कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि पर सोमवती अमावस्या पड़ने वाली है जिसकी शुरुआत 8 अप्रैल सुबह 3:21 से होगी और इस तिथि की समाप्ति इसी दिन रात 11:50 पर होगी। ऐसे में उदया तिथि के अनुसार 8 अप्रैल को ही सोमवती अमावस्या मनाई जाएगी। इस दिन भगवान शिव और माता पार्वती का रुद्राभिषेक करना सर्वोत्तम माना जाता है।
कहते हैं कि रुद्राभिषेक करने से भगवान शिव साधकों पर अपनी असीम कृपा बनाए रखते हैं, इतना ही नहीं किसी पवित्र नदी में स्नान करने के बाद पितरों का तर्पण करने से भी साधक के सभी दुख और समस्याओं का निवारण होता है।
* इस तरह करें सोमवती अमावस्या पर पूजा:
सोमवती अमावस्या के दिन विधि-विधान से पूजा अर्चना करने के लिए सुबह सबसे पहले ब्रह्म मुहूर्त में उठें। दिन की शुरुआत भगवान शिव के ध्यान से करें। पानी में गंगाजल डालकर स्नान करें और संभव हो तो किसी पवित्र नदी में जाकर भी स्नान कर सकते हैं। इसके बाद सूर्य देव को जल अर्पित करें, फिर भगवान शिव और मां पार्वती के समक्ष दीपक जलाकर उनकी पूजा अर्चना करें, आरती करें, मंत्रों का जाप करें और घर में सुख-शांति और समृद्धि की कामना करें। मां पार्वती और भोलेनाथ की पूजा करने के बाद उन्हें दूध से बनी चीजों का भोग लगाएं और इन्हें भक्तों में वितरित करें। अगर संभव हो, तो सोमवती अमावस्या पर व्रत का संकल्प भी लें और पूरे दिन का व्रत करें। सोमवती अमावस्या के दिन पिंडदान करना भी बहुत शुभ माना जाता है।
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है।)
जानिए सोमवती अमावस्या के दिन आपको किस तरह से पूजा करनी चाहिए।
Know how you should worship on the day of somvati amavasya