पंचांग के अनुसार, भाद्रमास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि पर जन्माष्टमी मनाई जाती है। इस साल यह तिथि आज 26 अगस्त, सोमवार के दिन है। श्रीकृष्ण जन्मोत्सव पर मान्यतानुसार श्रीकृष्ण के बालस्वरूप बाल गोपाल की पूजा की जाती है। माना जाता है कि जो भक्त जन्माष्टमी की पूजा करते हैं उनपर श्रीकृष्ण की कृपादृष्टि पड़ती है और घर में सुख-समृद्धि आती है। जन्माष्टमी के मौके पर व्रत रखा जाता है और मान्यतानुसार रात के समय बाल गोपाल की पूजा होती है। इस पूजा में कुछ खास बातों का ध्यान रखना जरूरी होता है। यहां जानिए क्या हैं जन्माष्टमी व्रत और पूजा के नियम।

* जन्माष्टमी पूजा का शुभ मुहूर्त:

भाद्रपद माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि 26 अगस्त, सोमवार रात 2 बजकर 19 मिनट तक रहने वाली है। भक्त रात के समय 12 बजकर 44 मिनट तक पूजा कर सकते हैं। इस शुभ मुहूर्त के रहते हुए बाल गोपाल का अभिषेक किया जा सकता है।

* जन्माष्टमी पूजा की विधि:

जन्माष्टमी के दिन पूजा सामग्री में चौकी, चौकी पर बिछाने के लिए कपड़ा, लड्डू गोपाल की प्रतिमा, आम की लकड़ियां, आभूषण, मोरपंख, मुकुट, चावल, फूल माला, फूल, तुलसी की माला, जल पात्र, गंगाजल, वस्त्र, चंदन, धूप, दीपक, घी, मौली, अगरबत्ती, कपूर, सुपारी, शक्कर, मक्खन, केसर, कुमकुम, झूला और नारियल समेत पंचामृत शामिल किए जाते हैं।

पूजा करने के लिए चौकी पर कपड़ा बिछाया जाता है। इसके बाद भगवान का पंचामृत और गंगाजल से अभिषेक करके शृंगार किया जाता है और झूले पर बिठाया जाता है। धूप और दीप जलाए जाते हैं। अब तिलक और अक्षत लगाया जाता है। फूलों की माला अर्पित की जाती है। पूजा की सामग्री को एक-एक करके भगवान के समक्ष रखा जाता है। कथा पढ़ी जाती है, आरती गाई जाती है और भोग लगाकर पूजा संपन्न करते हैं।

* जन्माष्टमी पूजा के नियम:

– जन्माष्टमी व्रत और पूजा से जुड़े कुछ नियम हैं जिनका खास ध्यान रखना शुभ होता है। व्रत रखने वाले भक्तों को इस दिन ब्रह्मचर्य के नियमों का पालन करना चाहिए।

– इस दिन भूलकर भी अन्न का सेवन नहीं किया जाता है और व्रत का पूरे मनोभाव से पालन किया जाता है।

– जन्माष्टमी के दिन श्रीकृष्ण के मंदिर जाने की विशेष धार्मिक मान्यता होती है।

– इस व्रत में रात के समय 12 बजे पूजा के पश्चात ही व्रत का पारण किया जाता है।

– जन्माष्टमी पर भगवान को जिन चीजों का भोग लगाया जाता है उन्हीं चीजों से व्रत खोलना शुभ होता है।

– व्रत रखने वाले दिन दिन में सोना अच्छा नहीं माना जाता है।

– भक्तों को इस दिन किसी से अपशब्द नहीं कहने चाहिए, झगड़ा नहीं करना चाहिए और ना ही किसी तरह के बुरे ख्याल मन में लाने चाहिए।

– जन्माष्टमी के दिन श्रीकृष्ण के गाने सुनने, कथा सुननी और आरती व भजन सुनने बेहद शुभ माने जाते हैं।

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है।)

 

जानिए जन्माष्टमी पर कैसे रखा जाता है व्रत, क्या है पूजा विधि और ध्यान रखने योग्य बातें।

Know how the fast is observed on janmashtami, what is the method of worship and things to keep in mind

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