हिंदू त्योहारों में अहोई अष्टमी एक महत्वपूर्ण त्योहार में से एक हैखासकर हिंदू महिलाओं के लिए इसका विशेष महत्व है। जिस तरह से तीज पति की लंबी उम्र के लिए की जाती है उसी तरह अहोई अष्टमी व्रत महिलाएं अपने बच्चों की लंबी उम्र और तरक्की के लिए करती है। महिलाएं अपने बच्चों के लिए अहोई माता से आशीर्वाद लेती हैं। हिंदू पंचांग के अनुसार अहोई अष्टमी कार्तिक महीने के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को मनाई जाती है। लेकिन इस त्योहार को लेकर महिलाओं में काफी कंफ्यूजन देखने को मिलता है। अगर आप भी दुविधा में है तो यहां अहोई अष्टमी व्रत से जुड़ी आपकी सारी कन्फ्यूजन दूर हो जाएगी। तो आईए जानते हैं इस साल कार्तिक माह की अहोई अष्टमी व्रत की मुहूर्त और तारों को देखने का समय।

* अहोई अष्टमी पूजा मुहूर्त: 

 

अगर अहोई अष्टमी व्रत की शुभ मुहूर्त की बात की जाए तो 5 नवंबर, रविवार यानी आज शाम 5 बजकर 42 मिनट से पूजा के शुभ मुहूर्त की शुरूआत हो रही है जो शाम 7 बजे तक रहेगी। माताएं इस बीच विधिवत रूप से मां अहोई की पूजा अर्चना कर सकती हैं।

 

* अहोई अष्टमी का तारा कितने बजे निकलेगा: 

 

बात की जाए तारों को देखने की तो शाम को शाम 5 बजकर 58 मिनट पर तारों को देखने का शुभ समय है। ये तारों के निकलने का समय है।

 

* अहोई अष्टमी की पूजा कैसे करें: 

सबसे पहले सुबह उठकर स्नान करें। पुत्र की लंबी आयु की कामना करें और अहोई अष्टमी व्रत का संकल्प लें। मां पार्वती की आराधना करें। गेरू से दीवार पर अहोई माता का चित्र बनाएं और उनके साथ पुत्रों की तस्वीर बनाएं। फिर माता के सामने मौली, सिंघाड़ा, कटोरी रखकर अहोई अष्टमी के व्रत की कथा सुनें। पूजा करते समय लोटे में पानी और उसके ऊपर करवे में पानी रखें। करवा वही होना चाहिए जिसे आपने करवा चौथ में इस्तेमाल किया गया हो। शाम के समय इन सभी चित्रों की पूजा करें। उसके बाद लोटे के पानी से शाम को चावल के साथ तारों को अर्घ्य दें।

 

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है।)

 

जानिए अहोई अष्टमी व्रत की पूजा कैसे करें, पूजा का मुहूर्त, तारे देखने का सही समय –

Know Ahoi ashtami How to worship Ashtami fast, time of worship, right time to see stars

Leave a Reply