प्रदोष व्रत हर महीने की त्रयोदशी तिथि पर भगवान शिव की विशेष पूजा के लिए रखा जाता है। इस दिन भक्त भोलेनाथ की विधिपूर्वक आराधना करते हैं और व्रत का पालन करते हैं। मान्यता है कि इस व्रत को सच्चे मन से करने से शिव कृपा प्राप्त होती है, मनोकामनाएं पूरी होती हैं और जीवन में सुख-शांति बनी रहती है। इस महीने अक्तूबर में भौम प्रदोष व्रत 15 तारीख को पड़ रहा है, जो मंगलवार को होगा।
* भौम प्रदोष व्रत का शुभ मुहूर्त –
इस दिन शिव पूजा का शुभ मुहूर्त शाम 5:51 बजे से रात 8:21 बजे तक रहेगा। भक्तों के पास शिव पूजा के लिए 2 घंटे 30 मिनट का समय है।
* भौम प्रदोष व्रत पर बनने वाले शुभ योग –
इस बार भौम प्रदोष व्रत के दिन तीन विशेष योग बन रहे हैं:
1. वृद्धि योग: यह प्रातः काल से दोपहर 2:14 बजे तक रहेगा।
2. ध्रुव योग, रवि योग और सर्वार्थ सिद्धि योग: सर्वार्थ सिद्धि योग 15 अक्तूबर को सुबह 10:08 बजे से शुरू होकर 16 अक्तूबर की सुबह 6:23 बजे तक रहेगा। वहीं रवि योग रात में 10:08 बजे से अगले दिन 6:23 बजे तक बना रहेगा।
इसके अतिरिक्त, सुबह 10:08 बजे तक पूर्व भाद्रपद नक्षत्र रहेगा, जिसके बाद उत्तर भाद्रपद नक्षत्र का प्रारंभ होगा।
* पूजा विधि और व्रत संकल्प –
यदि आप भौम प्रदोष व्रत रखते हैं, तो सबसे पहले हाथ में जल, फूल और अक्षत लेकर व्रत का संकल्प लें। शाम के समय अपने घर के मंदिर में दीपक जलाएं और भगवान शिव का अभिषेक करें। इसके बाद भौम प्रदोष व्रत की कथा सुनें और शिवजी की विशेष आराधना करें।
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है।)
जानिए भौम प्रदोष व्रत की पूजा विधि, शुभ मुहूर्त और इस दिन बनने वाले विशेष योग के बारे में –
Know about the worship method of bhauma pradosh fast, auspicious time and special yoga formed on this day