घर और उसके वातावरण का हमारे जीवन पर बहुत गहरा असर होता है। वास्तुशास्त्र में घर में हर चीज के लिए सही स्थान बताया जाता है। इसके साथ ही चीजों के शुभ और अशुभ फल की भी जानकारी दी जाती है। घर को बनाते समय और चीजों को स्थान देते समय वास्तु का ध्यान रखने से वे शुभ और मंगलमई प्रभाव वाले हो सकते हैं। मान्यता है कि भगवान श्रीकृष्ण स्वयं वास्तुशास्त्र के ज्ञाता थे और उन्होंने युधिष्ठर को राज्याभिषेक के अवसर पर वास्तु के उपाय बताए थे। आइए जानते हैं भगवान श्रीकृष्ण के द्वारा बताए गए वास्तु नियम जिन्हें अपनाकर हम वास्तुदोष दूर कर सकते हैं और घर में सुख समृद्धि ला सकते हैं।
* गाय के दूध का घी:
भगवान श्रीकृष्ण ने युधिष्ठर को बताया था कि घर में गाय के दूध का घी रखने से पवित्रता और संपन्नता आती है। जिस घर में गाय के घी से दिये जलाए जाते हैं वहां मांगी गई मनोकामनाएं जल्दी पूरी होती हैं। इससे पाप नष्ट हो जाते है और जीवन में सुख और समृद्धि आती है।
* चंदन:
घर में चंदन रखने से निगेविटी दूर होती है। अगर घर के पास चंदन का पेड़ लगाना संभव है तो इसका और भी अच्छा असर हो सकता है। इससे सभी तरह के वास्तुदोष दूर हो जाते हैं। पेड़ लगाना संभव नहीं हो तो शुद्ध चंदन की टहनी रखनी चाहिए।
* शहद:
घर में शहद रखना भी बहुत शुभ होता है। भगवान श्रीकृष्ण के अनुसार शहद ऐसी चीज है जिससे आत्मा की शुद्धि होती है। पूजा पाठ से लेकर सेहत को बेहतर रखने वाले शहद को घर में जरूर रखना चाहिए।
* जल:
घर में जल को हमेशा सही जगह और दिशा में रखना चाहिए। भगवान श्रीकृष्ण के अनुसार घर के उत्तर पूर्व यानी ईशान कोण में पानी की व्यवस्था सबसे उत्तम होती है। वास्तुशास्त्र में ईशान कोण ईश्वर की दिशा माना जाता है। पानी को सही तरीके से साफ बर्तन में रखना जरूरी है।
* देवी सरस्वती:
मां सरस्वती बुद्धि और ज्ञान की देवी हैं। घर में देवी सरस्वती की प्रतिमा या वीणा रखना बहुत शुभ होता है। वीणा घर वालों को बुद्धि और विवेक प्रदान करती है। मां सरस्वती की पूजा से घर में सभी लोगों में बुद्धि और विवेक बढ़ता है।
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है।)
जानिए श्री कृष्ण द्वारा युधिष्ठर को बताए गए वास्तु उपाय के बारे में, कौन सी चीजें घर में लाती हैं सुख-समृद्धि –
Know about the vaastu remedies told by shri krishna to yudhishtra, which things bring happiness and prosperity in the house