जानिए हरियाली तीज की तिथि, पूजा विधि और आरती के बारे में – Know about the date, puja method and aarti of hariyali teej

You are currently viewing जानिए हरियाली तीज की तिथि, पूजा विधि और आरती के बारे में – Know about the date, puja method and aarti of hariyali teej
जानिए हरियाली तीज की तिथि, पूजा विधि और आरती के बारे में - Know about the date, puja method and aarti of hariyali teej

भगवान शिव की पूजा अर्चना में सावन माह का बहुत अधिक महत्व है। सावन में भक्त हर दिन महादेव को जल चढ़ाते हैं और सोमवार के दिन व्रत करते हैं। सावन में महिलाएं अखंड सौभाग्य के लिए हरियाली तीज का व्रत रखती हैं। सावन माह में शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को हरियाली तीज का व्रत रखा जाता है। हरियाली तीज पर महिलाएं व्रत रखकर अखंड सौभाग्य का वरदान मांगती हैं। इस व्रत हरे रंग के महत्व के कारण इसे हरियाली तीज कहा जाता है। व्रत रखने वाली महिलाएं हरे रंग के वस्त्र और चूड़ियां पहनती हैं।

* हरियाली तीज की तिथि: 

हरियाली तीज का व्रत सावन माह में शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को रखा जाता है। इस बार सावन माह के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि 6 अगस्त को शाम 7 बजकर 42 मिनट से शुरू होगी और 7 अगस्त को रात 10 बजे तक रहेगी। हरियाली तीज का व्रत 7 अगस्त बुधवार को रखा जाएगा।

* ऐसे करें हरियाली तीज की पूजा: 

हरियाली तीज का व्रत करने वाली महिलाओं को प्रात: जल्दी उठकर स्नान करने के बाद स्वच्छ कपड़ पहनने चाहिए। सुहागिन महिलाओं को इस दिन हरे रंग की साड़ी और हरी चूड़ियों के साथ पूरा श्रृंगार करना चाहिए। पूरे दिन उपवास रखना चाहिए। हरियाली तीज की पूजा में भगवान शिव और माता पार्वती के साथ गणेश भगवान की भी पूजा होती है। पूजा के लिए चौकी पर पीले रंग का कपड़ा बिछाकर भगवान की मूर्तियां स्थापित कर उन्हें वस्त्र धारण करवाएं। पूजा सामग्री भगवान शिव और माता पार्वती के साथ गणेजी पर चढ़ाएं। तीज की व्रत कथा सुनें और आरती करें।

* हरियाली तीज पूजन सामग्री: 

हरियाली तीज के व्रत में पूजन सामग्री का विशेष महत्व होता है। पूजा के लिए पीला वस्त्र, कच्चा सूत, नए वस्त्र, केला के पत्ते, बेलपत्र, भांग, धतूरा, शमी के पत्ते, जनेऊ, जटा नारियल, चावल, दूर्वा घास, घी, कपूर, अबीर-गुलाल, श्रीफल, चंदन, गाय का दूध, गंगाजल, दही, मिश्री, शहद और पंचामृत की जरूरत होती है। इसके अलावा सुहाग की वुस्तुएं सिंदूर, बिंदी, चूड़ियां, महावर, कुमकुम, कंघी, बिछुआ, मेहंदी, दर्पण और इत्र जैसी चीजों को जरूर रखें।

* हरियाली तीज की आरती: 

जय पार्वती माता, जय पार्वती माता।।

ब्रह्म सनातन देवी, शुभ फल की दाता।। जय पार्वती माता।।

अरिकुल पद्मा विनासनी जय सेवक त्राता।

जग जगदम्बा हरिहर गुण गाता। जय पार्वती माता।।

सिंह को वाहन साजे कुंडल है साथा।

देव जहं गावत नृत्य कर ताथा।। जय पार्वती माता।।

सतयुग शील सुसुन्दर नाम सती कहलाता।।

जय पार्वती माता, जय पार्वती माता।।

हेमांचल घर जन्मी सखि संग रंगराता।। जय पार्वती माता।।

शुम्भ-निशुम्भ विदारे हेमांचल स्याता।

सहस्त्र भुजा तनु धरिके चक्र लियो हाथा।। जय पार्वती माता।

सृष्टि रूप तुही जननी शिव संग रंगराता।

नंदी भृंगी बिन लाही सारा मदमाता। जय पार्वती माता।।

देवन अरज करत हम चित को लाता।

गावत दे दे ताली मन में रंगराता।। जय पार्वती माता।।

आरती मैया की जो कोई गाता।

सुख संपति पाता।। जय पार्वती माता।।

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है।)

 

जानिए हरियाली तीज की तिथि, पूजा विधि और आरती के बारे में –

Know about the date, puja method and aarti of hariyali teej