भगवान गणेश को विघ्नकर्ता माना जाता है और उनकी पूजा-अर्चना से भक्तों के सभी कष्ट दूर हो जाते हैं। वैशाख माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को विनायक चतुर्थी कहा जाता है। इस दिन विधि-विधान से भगवान गणेश की पूजा से जीवन मे सुख-समृद्धि आती है और सभी परेशानियों से मुक्ति मिल जाती है। इस दिन गणेश संकटनाशन स्रोत का पाठ करने से भगवान गणेश भक्तों के सभी कष्टों का नाश कर देते हैं।
* विनायक चतुर्थी का मुहूर्त:
इस साल वैशाख माह में शुक्ल पक्ष 11 मई को दोपहर 2 बजकर 50 मिनट पर चतुर्थी तिथि शुरू होगी और 12 मई को दोपहर 2 बजकर 3 मिनट तक रहेगी। विनायक चतुर्थी 11 मई, शनिवार के दिन मनाई जाएगी। विनायक चतुर्थी पर पूजा का मुहूर्त सुबह 10 बजकर 57 मिनट से 01 बजकर 39 मिनट तक रहेगा।
विनायक चतुर्थी के दिन सूर्योदय से पहले उठकर स्नान के बाद और व्रत का संकल्प करें। घर के मंदिर में चौकी रखकर उस पर हरे रंग का वस्त्र बिछाएं और भगवान गणेश की प्रतिमा या चित्र स्थापित करें। प्रतिमा के सामने घी से दिया जलाएं और प्रभु को गंगाजल से अभिषेक करवाएं। इसके बाद फूल, दूब, सिंदूर अर्पित करें और भोग के रूप में मोदक या लड्डू चढ़ाएं। अंत में गणेश जी की आरती करें। इस दिन विशेष कृपा प्राप्ति के लिए गणेश जी के मंत्र और गणेश संकटनाशन स्तोत्र का भी पाठ करें।
* गणेश संकटनाशन स्तोत्र:
प्रणम्यं शिरसा देव गौरीपुत्रं विनायकम।
भक्तावासं: स्मरैनित्यंमायु:कामार्थसिद्धये।।1।।
प्रथमं वक्रतुंडंच एकदंतं द्वितीयकम।
तृतीयंकृष्णं पिङा्क्षं गजवक्त्रंचतुर्थकम।।2।।
लम्बोदरं पंचमंच षष्ठं विकटमेव च।
सप्तमं विघ्नराजेन्द्रं धूम्रवर्णतथाष्टकम्।।3।।
नवमं भालचन्द्रं च दशमं तुविनायकम।
एकादशं गणपतिं द्वादशं तुगजाननम।।4।।
द्वादशैतानि नामानि त्रिसंध्य य: पठेन्नर:।
न च विघ्नभयं तस्य सर्वासिद्धिकरं प्रभो।।5।।
विद्यार्थी लभतेविद्यांधनार्थी लभतेधनम्।
पुत्रार्थी लभतेपुत्रान्मोक्षार्थी लभतेगतिम्।।6।।
जपेद्वगणपतिस्तोत्रं षड्भिर्मासै: फलंलभेत्।
संवत्सरेण सिद्धिं च लभतेनात्र संशय: ।।7।।
अष्टभ्यो ब्राह्मणेभ्यश्च लिखित्वां य: समर्पयेत।
तस्य विद्या भवेत्सर्वागणेशस्य प्रसादत:।।8।। ॥
इति श्रीनारदपुराणेसंकष्टनाशनंगणेशस्तोत्रंसम्पूर्णम्॥
विनायक चतुर्थी के दिन गणेश संकटनाशन स्तोत्र का पाठ करने से भगवान गणेश की कृपा होगी और यह आपको हर तरह के संकटों से बचाने का काम करेगा।
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है।)
जानिए विनायक चतुर्थी की तिथि और गणेश संकटनाशन स्तोत्र के बारे में।
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