जानिए प्रथम बड़े मंगल की तिथि और पूजा विधि के बारे में – Know about the date and method of worship of the first bada mangal

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जानिए प्रथम बड़े मंगल की तिथि और पूजा विधि के बारे में - Know about the date and method of worship of the first bada mangal

मंगलवार हनुमान भगवान को समर्पित है। हनुमान भक्त हर मंगलवार को श्रीराम भक्त हनुमान जी की पूजा करते हैं। ज्येष्ठ माह में आने वाले मंगलवार विशेष महत्वपूर्ण होते और उन्हें बड़ा मंगल कहा जाता है। मान्यता है कि इस माह के प्रथम मंगलवार को भगवान श्रीराम अपने परम भक्त हनुमान जी से मिले थे। प्रभु श्रीराम और हनुमान जी के मिलन के कारण ज्येष्ठ माह के मंगलवार को भगवान राम और हनुमान जी की पूजा का विशेष महत्व है। ज्येष्ठ माह के हर मंगलवार को भगवान श्रीराम और उनके परम भक्त हनुमान जी की पूजा से शुभ फलों की प्राप्ति होती हे। मान्यता है कि ज्येष्ठ माह के मंगलवार का व्रत रखने से भक्तों की सभी परेशानियों समाप्त हो जाती हैं। 

* प्रथम बड़े मंगल की तिथि: 

ज्येष्ठ माह का पहला मंगलवार 28 मई को पड़ने वाला है इसलिए इस वर्ष का पहला बड़ा मंगल की पूजा 28 मई को की जाएगी। इस दिन विधि विधान से भगवान श्रीराम ओर उनके परम भक्त हनुमान जी की पूजा से सभी संकटों से मुक्ति मिल सकती है।

* बड़े मंगल की पूजा विधि: 

बड़े मंगल की पूजा वाले दिन प्रात: जल्दी उठने के बाद व्रत का संकल्प करें और स्नान के बाद स्वच्छ वस्त्र धारण कर पूजा की तैयारी करें। सूर्य देव को जल अर्पित करने बाद घर के मंदिर की साफ-सफाई कर गंगाजल का छिड़काव करें। चौक पर लाल वस्त्र बिछाकर राम दरबार का चित्र स्थापित करें और रोली, अक्षत और पुष्प अर्पित करें।

गाय के घी का दीपक जलाकर आरती करें और मंत्रों का जाप करें। इस दिन हनुमान चालीसा का पाठ करना फलदाई माना जाता है। प्रभु को बूंदी के लड्डू, मिठाई और फल का भोग लगाएंइस दिन जरूरतमंद लोगों को भोजन व वस्त्र का दान अवश्य करें।

* बड़े मंगल को करें इन मंत्रों का जाप: 

 

अतुलितबलधामं हेमशैलाभदेहम्

दनुजवनकृशानुं ज्ञानिनामग्रगण्यम् ।

सकलगुणनिधानं वानराणामधीशम्

रघुपतिप्रियभक्तं वातजातं नमामि।।

ॐ ऐं ह्रीं हनुमते श्री रामदूताय नमः

* यश-कीर्ति के लिए मंत्र: 

ऊँ नमो हनुमते रुद्रावताराय विश्वरूपाय अमितविक्रमाय

प्रकट-पराक्रमाय महाबलाय
सूर्यकोटिसमप्रभाय रामदूताय स्वाहा।

शत्रु पराजय के लिए हनुमान मंत्र

ऊँ नमो हनुमते रुद्रावताराय रामसेवकाय

रामभक्तितत्पराय रामहृदयाय लक्ष्मणशक्ति,

भेदनिवावरणाय लक्ष्मणरक्षकाय दुष्टनिबर्हणाय रामदूताय स्वाहा।

 

जानिए प्रथम बड़े मंगल की तिथि और पूजा विधि के बारे में –

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