हिंदू धर्म में एकादशी तिथि को बेहद शुभ माना जाता है। हरेक माह की दोनों एकादशी तिथि को व्रत रखकर भगवान विष्णु की विधि विधान से पूजा की जाती है। मान्यता है कि एकादशी पर जगत के पालनकर्ता श्री हरि विष्णु भगवान और धन की देवी माता लक्ष्मी की पूजा अर्चना से जीवन में सुख समृद्धि में वृद्धि होती है औश्र सभी प्रकार के कष्ट मिट जाते हैं। जुलाई माह में दो अति महत्वपूर्ण एकादशी योगिनी एकादशी और देवशयनी एकादशी पड़ रही है। इन दोनों ही एकादशी का विष्णु भगवान की पूजा में बहुत महत्व है।
* योगिनी एकादशी की तिथि और शुभ मुहूर्त:
आषाढ़ माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि 1 जुलाई को सुबह 10 बजकर 26 मिनट पर शुरू होगी और 2 जुलाई को सुबह 8 बजकर 42 मिनट पर समाप्त होगी। योगिनी एकादशी व्रत 2 जुलाई मंगलवार को रखा जाएगा।
* देवशयनी एकादशी की तिथि और शुभ मुहूर्त:
आषाढ़ माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि 16 जुलाई को संध्या के समय 8 बजकर 33 मिनट से शुरू होकर 17 जुलाई को शाम 9 बजकर 2 मिनट पर समाप्त होगी। देवशयनी एकादशी व्रत 17 जुलाई बुधवार को रखा जाएगा।
* योगिनी एकादशी का महत्व:
पौराणिक कथा के अनुसार योगिनी एकादशी के दिन व्रत रखकर भगवान विष्णु की पूजा करने से मोक्ष की प्रप्ति होती है। योगिनी एकादशी के महत्व के बारे में भगवान श्रीकृष्ण से खुद युधिष्ठिर को बताया था। मान्यता है कि इस व्रत को करने और विधि विधान से भगवान विष्णु की पूजा करने से सभी तरह के सुखों की प्राप्ति होती है।
* देवशयनी एकादशी का महत्व:
माना जाता है कि देवशयनी एकादशी के दिन से भगवान श्री विष्णु चार माह के योग निद्रा में चले जाते हैं। इसे चातुर्मास भी कहा जाता है। जैन धर्म में चातुर्मास का विशेष महत्व होता है।
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है।)
जानिए योगिनी एकादशी और देवशयनी एकादशी की तिथि और शुभ मुहूर्त के बारे में।
Know about the date and auspicious time of yogini ekadashi and devshayani ekadashi