हिंदू धर्म में तीज त्योहारों का खास महत्व होता है। इसी तरह वैशाख अमावस्या भी हिंदू धर्म में बहुत महत्वपूर्ण मानी जाती है। मई के महीने में पड़ने वाली इस अमावस्या को वैशाख अमावस्या भी कहा जाता है। इस साल 8 मई के दिन वैशाख अमावस्या पड़ रही है। इस दिन खासतौर पर भगवान विष्णु की पूरे विधि-विधान से पूजा अर्चना की जाती है। 

* वैशाख अमावस्या का शुभ मुहूर्त: 

– वैशाख कृष्ण अमावस्या शुभारंभ -7 मई, मंगलवार, सुबह 11:40 मिनट

– वैशाख कृष्ण अमावस्या समापन -8 मई, बुधवार, सुबह 8:51 बजे

– दान का शुभ मुहूर्त -सुबह 5:20 मिनट से सुबह 8:50 मिनट तक

* काल सर्प दोष और पितृ दोष के उपाय: 

वैशाख अमावस्या की खास तिथि पर आप पितृ दोष और काल सर्प दोष से मुक्ति पाने के लिए कुछ उपाय कर सकते हैं। इसके लिए दिनभर पूरी श्रद्धा के साथ भगवान शिव की पूजा करें। वहीं, पितरों का आशीर्वाद पाने के लिए पितृ कवच और पितृ स्तोत्र का पाठ जरूर करें। कहा जाता है कि वैशाख अमावस्या पर ब्राह्मणों को भोजन कराने से पितरों की कृपा घर के सभी सदस्यों पर बनी रहती है।

* फाल्गुनी अमावस्या शुभ मुहूर्त: 

– ब्रह्म मुहूर्त -सुबह 4:10 मिनट से 4:52 मिनट तक

– प्रातः संध्या – सुबह 4:31 मिनट से 5:35 मिनट तक

– विजय मुहूर्त- शाम 2:32 मिनट से 3:26 मिनट तक

 

– गोधूलि मुहूर्त- शाम 7:00 बजे से 7:21 मिनट तक

– अमृत काल- सुबह 9:09 मिनट से 10:37 मिनट तक

– निशिता मुहूर्त- 9 मई, 11: 56 एएम से 12:39 एएम तक

– सर्वार्थ सिद्धि योग -9 मई, 9: 33 एएम से 5:34 एएम तक

* वैशाख अमावस्या की पूजा विधि: 

वैशाख अमावस्या की पूजा करने के लिए सबसे पहले स्नान करें। मंदिर की साफ-सफाई कर लेंगणेश जी को प्रणाम करें और विष्णु जी का पंचामृत सहित गंगाजल से अभिषेक करें। अब पीला चंदन और पीले पुष्प प्रभु को अर्पित करें। घी का दीपक मंदिर में जलाएं और श्री विष्णु चालीसा का पाठ करें। अब पूरी श्रद्धा और भक्ति के साथ विष्णु जी की आरती करें। तुलसी दल सहित भोग लगाएं और अंत में क्षमा प्रार्थना करें।

वैशाख अमावस्या के दिन स्नान और दान करने का खास महत्व माना गया है। इस दिन दान करने से पितृ दोष के दुष्प्रभाव को काम किया जा सकता है। इसके अलावा वैशाख अमावस्या पर पवित्र नदियों में स्नान करना शुभ माना जाता है। इस दिन गाय, कुत्ते और कौवे को भोजन करने से जीवन के कष्ट दूर हो सकते हैं।

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है।)

 

जानिए वैशाख अमावस्या का शुभ मुहूर्त, पूजा की विधि, उपाय और इसका महत्व के बारे में –

Know about the auspicious time of vaishakh amavasya, method of worship, remedy and its importance

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