छठ का पर्व बिहार और झारखंड में प्रमुखता से मनाया जाता है, लेकिन अब यह महापर्व पूरे देश में धूमधाम से मनाया जाता है। इस साल छठ पूजा 7 नवंबर 2024 को है। यह महापर्व कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि से शुरू होकर सप्तमी तिथि पर समाप्त होता है। छठ पूजा में सूर्य देव की आराधना की जाती है और व्रती उगते और अस्त होते सूर्य को अर्घ्य देते हैं।

* छठ पूजा की तिथियां – 

– नहाय-खाय: 5 नवंबर 2024
– खरना: 6 नवंबर 2024 (बुधवार)
– शाम का अर्घ्य: 7 नवंबर 2024
– सुबह का अर्घ्य: 8 नवंबर 2024

* पूजा का महत्व और सख्त नियम – 

छठ पूजा 36 घंटे का कठिन व्रत होता है जिसमें व्रतियों को कड़े नियमों का पालन करना होता है। व्रत की शुरुआत नहाय-खाय से होती है, जिसमें व्रती एक ही बार शुद्ध भोजन करते हैं। इस पूजा में गलती करने से उपवास खंडित हो सकता है, इसलिए विशेष ध्यान रखा जाता है कि पूजा में चांदी, स्टील या प्लास्टिक के बर्तनों का उपयोग न हो। केवल मिट्टी के चूल्हे और बर्तनों का ही प्रयोग होता है।

* छठ पूजा के दौरान इन बातों का रखें ध्यान – 

– पूजा स्थल पर किसी अन्य प्रकार का भोजन न पकाएं।
– मांसाहार और अपशब्दों से परहेज करें।
– लहसुन और प्याज का सेवन न करें।
– पूजा के प्रसाद को गलती से भी जूठा न करें।

* छठ पूजा का शेड्यूल – 

– नहाय-खाय (5 नवंबर): इस दिन व्रती एक ही समय भोजन करते हैं। सूर्योदय सुबह 6:39 बजे और सूर्यास्त शाम 5:41 बजे होगा।

 

– खरना (6 नवंबर): इस दिन छठी मइया के लिए मीठा भात और लौकी की खिचड़ी का भोग तैयार किया जाता है।

– शाम का अर्घ्य (7 नवंबर): तीसरे दिन व्रती सूप में फल, गन्ना, चावल के लड्डू और ठेकुआ रखकर पानी में खड़े होकर सूर्य देव को अर्घ्य देते हैं। सूर्यास्त का समय 5:29 बजे होगा।

– सुबह का अर्घ्य (8 नवंबर): अंतिम दिन उगते सूर्य को अर्घ्य दिया जाता है और व्रत का पारण होता है। सूर्योदय का समय 6:37 बजे होगा।

छठ पूजा सूर्य देव और छठी मइया को समर्पित है, और इस पूजा से घर में सुख-समृद्धि, शांति और स्वास्थ्य की प्राप्ति होती है।

 

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है)

 

जानें छठ पूजा 2024 की तिथि, पूजा विधि, नियम और सावधानियों के बारे में –

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