करणी माता की आरती – Karni mata ki aarti

जय अम्बे करणी,मैया जय अम्बे करणी।
भक्त जनन भय संकट, पान छिनी हरणी॥
ॐ जय अम्बे….

आदि शक्ति अविनाशी,वेदन मैं वरणी।
अगम अन्नत अगोदर,विश्वरूप धरणी॥
ॐ जय अम्बे….

काली तू किरताली, दुर्गे दुःख हरणी।
चंडी तू चिरताली, ब्राह्मणी वरणी॥
ॐ जय अम्बे….

लक्ष्मी तू ही जाला,आवड़ जग हरणी।
दत्य दलण डाटाली, अवना अवतारणी॥
ॐ जय अम्बे….

ग्राम सुआप सुहाणी, धन थलहट धरणी।
देवल माँ मेहा घर, जन्मी जग जननी॥
ॐ जय अम्बे….

राज दियो रिड़मल ने, कानो खय करणी।
धेन दुहत बणिये की, तारो कर तरणी॥
ॐ जय अम्बे….

शेखो लाय सिंध सूं, पेथड़ आचरणी।
दशरथ धान दिपायो, सांपूसुख शरणी॥
ॐ जय अम्बे….

जेतल भूप जिताड़यो, कमल दल दलणी।
प्राण बचाए बखत के , पीर कला हरणी॥
ॐ जय अम्बे….

परचा गिण नही पाऊ, माँ अशरण शरणी।
सोहण चरण शरण मैं,दास अभय करणी॥
ॐ जय अम्बे….

ॐ जय अम्बे करणी,मैया जय अम्बे करणी
भक्त जनन भय संकट, पल छिनमै हरणी।

 

करणी माता की आरती – Karni mata ki aarti

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