कर किरपा तेरे गुण गावा ॥
नानक नाम जपत सुख पावा ॥
तू वड दाता अंतरजामी ॥
सभ मह रवेआ पूरन प्रभ सुआमी ॥
मेरे प्रभ प्रीतम नाम अधारा ॥
हओ सुण सुण जीवा नाम तुमारा ॥
तेरी सरण सतगुर मेरे पूरे ॥
मन निरमल होए संता धूरे ॥
चरन कमल हिरदै उर धारे ॥
तेरे दरसन कओ जाई बलिहारे ॥
कर किरपा तेरे गुण गावा ॥
नानक नाम जपत सुख पावा ॥
कर किरपा तेरे गुण गावा – Kar kirpa tere gun gavan