कर बंदे तू बंदगी जिचर घट मेह सहो
कर बंदे तू बंदगी जिचर घट मेह सहो
कुदरत कीम न जानिये, वड्डा वे-परवाहो
वड्डा वेपरवाहो, वड्डा वेपरवहो
कर बंदे तू बंदगी जिचर घट मेह सहो
मेहरवान साहब मेहरवान
साहब मेरा मिहरवां
जीआ सगल कौ देई दान
कर बंदे तू बंदगी जिचर घाट मेह सहो..
तू कहे दोलेह प्रणिया
तू काहे डोले प्राणिया
तुध राखेगा सिरजन-हर
जिन पैदैइस तू किआ
जिन पैदायिश तू किया
सोई देई आधार
कर बंदे तू बंदगी जिचर घाट मेह सहो..
जिन उपायि मेदनी जिन उपायि मेदनी
सोई करदा सार, सोई करदा सार
घाट घाट मालिक दिला का
घट-घट मालिक दिला का सच्चा पर्व
सच्चा पर्वद्गार..
कर बंदे तू बंदगी जिचर घाट मेह सहो..
कुदरत कीम न जानिये
कुदरत कीम न जानिये
वड्डा वेपरवाहो वड्डा वेपरवाहो
कर बंदे तू बंदगी जिचर घाट मेह सहो..
तू समरथ अकथ अगोचर
तू समरथ अकथ अगोचर, जियो पिंड तेरी रास
जियो पिंड तेरी रास
रहम तेरी सुख पाया
रहम तेरी सुख पाया, सदा नानक की अरदास
सदा नानक की अरदास
कर बंदे तू बंदगी जिचर घाट मेह सहो..
कर बंदे तू बंदगी – Kar bande tu bandagi