सुणी पुकार दातार प्रभ, गुरु नानक जग माहे पठाया
चरन धोय रहरास कर, चरणामृत सिखां पीलाया
पारब्रह्म पूरन ब्रह्म, कलजुग अंदर इक दिखाया
चारे पैर धर्म दे, चार वरन इक वरन कराया
राणा रंक बराबरी, पैरीं पवणा जग वरताया
उल्टा खेल पिरम्म दा, पैर ऊपर सीस निवाया
कलजुग बाबे तारेया, सतनाम पढ़ मंत्र सुणाया
कल तारण गुरु नानक आया
गढ़ बगदाद निवाए कै, मक्का मदीना सभे निवाया
सिद्ध चौरासीह मँडली, खट दर्सन पाखंड जिणाया
पातालां आकास लख, जीती धरती जगत सबाया
जीते नव खण्ड मेदनी, सतनाम दा चक्र फिराया
देव दानो राकस दैत सभ, चित गुप्त सभ चरनी लाया
इंद्रासण अपछरा, राग रागनी मंगल गाया
भया अनंद जगत विच, कलि तारण गुरु नानक आया
हिन्दू मुसलमान निवाया।
कल तारण गुरु नानक आये – kal taaran guru naanak aaye