पूर्वी भारत में जैन धर्म – Jainism in east india

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पूर्वी भारत में जैन धर्म - Jainism in east india

जैन धर्म की पूर्वी भारत में, विशेषकर बिहार, झारखंड, पश्चिम बंगाल और ओडिशा राज्यों में महत्वपूर्ण उपस्थिति है। पूर्वी भारत जैन धर्म के लिए महान ऐतिहासिक और सांस्कृतिक महत्व रखता है, क्योंकि यह क्षेत्र जैन धर्म के 24वें तीर्थंकर (आध्यात्मिक शिक्षक) भगवान महावीर के जीवन की कई महत्वपूर्ण घटनाओं से जुड़ा हुआ है।

भगवान महावीर का जन्मस्थान: भगवान महावीर का जन्म वैशाली में हुआ था, जो वर्तमान बिहार में है। वैशाली जैनियों के लिए उनके 24वें तीर्थंकर के जन्मस्थान के रूप में अत्यधिक महत्व रखता है। भगवान महावीर को समर्पित जैन मंदिर और तीर्थ स्थल वैशाली और उसके आसपास पाए जा सकते हैं।

पावापुरी: पावापुरी, जो बिहार में भी स्थित है, जैनियों के लिए एक महत्वपूर्ण तीर्थ स्थल है। ऐसा माना जाता है कि यह वह स्थान है जहां भगवान महावीर ने अपनी मृत्यु के बाद निर्वाण (मुक्ति) प्राप्त किया था। पावापुरी में जल मंदिर (जल मंदिर) एक तालाब के बीच बना है, और यह जैनियों के लिए एक पवित्र पूजा स्थल है।

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कोलकाता में जैन मंदिर: पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता में जैन आबादी काफी है और यह शहर कई जैन मंदिरों का घर है। ये मंदिर क्षेत्र में जैनियों के लिए पूजा, सांस्कृतिक गतिविधियों और सामुदायिक समारोहों के केंद्र के रूप में काम करते हैं।

शिखरजी: शिखरजी, जिसे पारसनाथ हिल के नाम से भी जाना जाता है, झारखंड में एक जैन तीर्थ स्थल है। यह जैनियों के लिए सबसे पूजनीय और पवित्र स्थानों में से एक है क्योंकि ऐसा माना जाता है कि यहीं पर बीस तीर्थंकरों को ज्ञान प्राप्त हुआ था। शिखरजी कई जैन मंदिरों से युक्त है और हर साल हजारों तीर्थयात्रियों को आकर्षित करता है।

जैन त्यौहार और प्रथाएँ: पूर्वी भारत में जैन विभिन्न जैन त्यौहारों और अनुष्ठानों में सक्रिय रूप से भाग लेते हैं। पर्युषण पर्व (जिसे दास लक्षण पर्व के नाम से भी जाना जाता है) और दिवाली दो प्रमुख जैन त्योहार हैं जो इस क्षेत्र में बड़े उत्साह के साथ मनाए जाते हैं। अहिंसा (अहिंसा), शाकाहार और नियमित ध्यान का पालन समुदाय द्वारा पालन की जाने वाली कुछ प्रमुख जैन प्रथाएँ हैं।

साहित्य और संस्कृति में योगदान: पूर्वी भारत के जैन विद्वानों ने जैन साहित्य और संस्कृति में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। इस क्षेत्र ने प्रसिद्ध विद्वानों और लेखकों को जन्म दिया है जिन्होंने जैन विचार और दर्शन को समृद्ध किया है।

कुल मिलाकर, पूर्वी भारत में जैन धर्म का इतिहास बहुत गहरा है और यह क्षेत्र के सांस्कृतिक और धार्मिक ताने-बाने का एक महत्वपूर्ण हिस्सा बना हुआ है। कई जैन मंदिरों, तीर्थ स्थलों की उपस्थिति और धार्मिक और सांस्कृतिक गतिविधियों में जैन समुदाय की सक्रिय भागीदारी पूर्वी भारत में जैन धर्म के स्थायी महत्व को उजागर करती है।

 

पूर्वी भारत में जैन धर्म – Jainism in east india