श्रावण मास के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को हरियाली तीज का पावन त्योहार मनाया जाता है। यह दिन सुहागिन महिलाओं के लिए बहुत खास होता है क्योंकि इस दिन वे सावन के झूले अपनी सखियों के साथ झूलती हैं। महिलाएं इस दिन पति की लंबी उम्र की कामना के लिए व्रत करती हैं। जिन महिलाओं की शादी नहीं हुई है वो भगवान भोलेनाथ की तरह वर की प्राप्ति के लिए भी व्रत करती हैं। इस दिन भगवान भोलेनाथ और मां पार्वती की पूजा-अर्चना करने का विधान है। हरियाली तीज पर जो महिलाएं पहली बार व्रत करना चाहती हैं, उन्हें कौन-कौनसी चीजों का ध्यान रखना चाहिए जानिए यहां।
* हरियाली तीज का पहला व्रत:
हिंदू पंचांग के अनुसार, हरियाली तीज का पावन त्योहार सावन महीने के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को मनाया जाएगा जो इस बार 6 अगस्त, 2024 को रात 7:52 पर शुरू हो जाएगा और इसकी समाप्ति 7 अगस्त को रात 10:00 बजे होगी। ऐसे में उदया तिथि के अनुसार हरियाली तीज का त्योहार 7 अगस्त के दिन ही मनाया जाएगा।
अगर आप पहली बार हरियाली तीज का व्रत कर रही हैं तो सबसे पहले सुबह ब्रह्म मुहूर्त में उठकर स्नान करें। इसके बाद हरे रंग के वस्त्र पहनें, सुहागिन महिलाएं 16 श्रृंगार करें। अब एक साफ चौकी पर पीले रंग का कपड़ा बिछाएं और मां पार्वती और भगवान शिव की प्रतिमा स्थापित करें। विधि-विधान से उनकी पूजा अर्चना करें। हरियाली तीज की कथा सुनें, आरती के साथ पूजा का समापन करें। अपने पति और बड़ों का आशीर्वाद लें और इस दौरान ब्रह्मचर्य का पालन करें।
हरियाली तीज पर भगवान शिव को वेदी, पीला वस्त्र, केले के पत्ते, कच्चा सूत, नए वस्त्र, बेलपत्र, धतूरा, भांग, शमी पत्र, जनेऊ, सुपारी, कलश, अक्षत, दूर्वा, तेल, घी, कपूर, अबीर, गुलाल, श्रीफल, चंदन, दूध, गंगाजल, दही, चीनी, शहद और पंचामृत जरूर चढ़ाएं। वहीं, पार्वती मां को एक हरी साड़ी और 16 श्रृंगार जरूर अर्पित करना चाहिए। सुहाग के समान में आप सिंदूर, बिंदी, चूड़ी, बिछिया, महौर, कुमकुम, कंघी, मेहंदी, इत्र आदि चीजों को जरूर रखें।
शम्भवाय च मयोभवाय च नमः शंकराय च मयस्कराय च नमः शिवाय च शिवतराय च।।
ईशानः सर्वविध्यानामीश्वरः सर्वभूतानां ब्रम्हाधिपतिमहिर्बम्हणोधपतिर्बम्हा शिवो मे अस्तु सदाशिवोम।।
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है।)
अगर आप पहली बार हरियाली तीज का व्रत रख रहे हैं तो ऐसे करें पूजा –
If you are fasting for the first time on hariyali teej, then worship like this