मलेशिया के पेराक, कुआला कांगसर में स्थित उबुदिया मस्जिद, देश की सबसे प्रतिष्ठित मस्जिदों में से एक के रूप में अपनी वास्तुकला की सुंदरता और महत्व के लिए प्रसिद्ध है।उबुदिया मस्जिद का निर्माण 19वीं शताब्दी के अंत में पेराक के 28वें सुल्तान, सुल्तान इदरीस मुर्शिदुल अदज़म शाह प्रथम द्वारा करवाया गया था। निर्माण 1913 में शुरू हुआ और 1917 में पूरा हुआ।
मस्जिद को ब्रिटिश वास्तुकार आर्थर बेनिसन हबबैक द्वारा डिजाइन किया गया था, जिन्होंने मलेशिया में कई अन्य प्रतिष्ठित इमारतों के डिजाइन में भी योगदान दिया था। उबुदिया मस्जिद की स्थापत्य शैली मूरिश और मुगल वास्तुकला से प्रभावित है, जो इसके बड़े गुंबदों, मीनारों और जटिल विवरणों की विशेषता है।
उबुदिया मस्जिद को शाही संरक्षण का प्रतीक माना जाता है और अक्सर पेराक सल्तनत से जुड़ा होता है। इसे सुल्तान इदरीस मुर्शिदुल अदज़म शाह प्रथम ने अपने शासनकाल की स्मृति में और शाही परिवार और पेराक के लोगों के लिए पूजा स्थल के रूप में काम करने के लिए बनवाया था।
उबुदिया मस्जिद मलेशियाई लोगों द्वारा अत्यधिक पूजनीय है और अपनी स्थापत्य भव्यता और ऐतिहासिक महत्व के लिए पहचानी जाती है। इसे मलेशियाई मुद्रा नोटों पर चित्रित किया गया है और अक्सर इसे मलेशियाई विरासत और संस्कृति के प्रतीक के रूप में दर्शाया जाता है।
वर्षों से, उबुदिया मस्जिद की संरचनात्मक अखंडता और ऐतिहासिक महत्व को बनाए रखने के लिए कई नवीकरण और संरक्षण प्रयास किए गए हैं। मस्जिद कुआला कांगसर में मुसलमानों के लिए एक सक्रिय पूजा स्थल बनी हुई है और दुनिया भर से पर्यटकों और आगंतुकों को आकर्षित करती रहती है।
उबुदिया मस्जिद मलेशिया की समृद्ध वास्तुकला विरासत का एक प्रमाण है और इस क्षेत्र में धार्मिक भक्ति, सांस्कृतिक गौरव और शाही विरासत के प्रतीक के रूप में कार्य करती है। इसका शानदार डिज़ाइन और ऐतिहासिक महत्व इसे मलेशियाई इतिहास और संस्कृति में रुचि रखने वालों के लिए एक अवश्य देखने योग्य स्थल बनाता है।
उबुदिया मस्जिद का इतिहास – History of ubudiah mosque