Welcome to

Devotional Network

तिरुपति बालाजी मंदिर का इतिहास || History of tirupati balaji temple

तिरुपतिबालाजी मंदिर पृथ्वी पर सबसे लोकप्रिय मंदिर है. । प्रतिवर्ष लाखों की संख्या में दर्शनार्थी यहां आते हैं। दैनिक आधार पर उनके द्वारा सबसे अधिक दान की राशि दान में दी जाती है। इस प्रकार लाखों श्रद्धालु अपने दान पुण्य करते हैं। पौराणिक कथाओं के आधार पर इस मंदिर की भी एक कहानी है। कहा जाता है की कलि युग के दौरान भक्तों को आशीर्वाद देने के लिए भगवान पृथ्वी पर प्रकट हुए थे। एक बार, ऋषि भृगु यह मूल्यांकन करना चाहता थे कि पवित्र तीन देवताओं में कौन सबसे बड़ा है। कथा के अनुसार एक बार महर्ष‌ि भृगु बैकुंठ पधारे और आते ही शेष शैय्या पर योगन‌िद्रा में लेटे भगवान व‌िष्‍णु की छाती पर एक लात मारी। भगवान व‌िष्‍णु ने तुरंत भृगु के चरण पकड़ ल‌िए और पूछने लगे क‌ि ऋष‌िवर पैर में चोट तो नहीं लगी। लेक‌िन देवी लक्ष्मी को भृगु ऋष‌ि का यह व्यवहार पसंद नहीं आया और वह व‌िष्‍णु जी से नाराज हो गई। नाराजगी इस बात से थी क‌ि भगवान ने भृगु ऋष‌ि को दंड क्यों नहीं द‌िया। नाराजगी में देवी लक्ष्मी बैकुंठ छोड़कर चली गई। भगवान व‌िष्‍णु ने देवी लक्ष्मी को ढूंढना शुरु क‌िया तो पता चला क‌ि देवी ने पृथ्‍वी पर पद्मावती नाम की कन्या के रुप में जन्म ल‌िया है। भगवान व‌िष्‍णु ने भी तब अपना रुप बदला और पहुंच गए पद्मावती के पास। भगवान ने पद्मावती के सामने व‌िवाह का प्रस्ताव रखा ज‌िसे देवी ने स्वीकार कर ल‌िया। शादी के बाद भगवान तिरुमाला की पहाड़ियों पर रहने लगे, कुबेर से कर्ज लेते समय भगवान ने वचन द‌िया था क‌ि कल‌ियुग के अंत तक वह अपना सारा कर्ज चुका देंगे।भगवान के कर्ज में डूबे होने की इस मान्यता के कारण बड़ी मात्रा में भक्त धन-दौलत भेंट करते हैं ताक‌ि भगवान कर्ज मुक्त हो जाएं।

Leave a Reply

Devotional Network: Daily spiritual resources for all. Our devotionals, quotes, and articles foster growth. We offer group study and community to strengthen your bond with God. Come join us, for believers and seekers alike.

Contact Us

Follow Us: